साहित्यिक समूह फुरसत ने स्थापना का दसवां वर्ष मनाया
जमशेदपुर। जमशेदपुर की वरिष्ठ महिला साहित्यकारों की साहित्यिक समूह फुरसत में के लिए एक विशेष व ऐतिहासिक दिन था जब उसकी स्थापना का दसवां वर्ष, मौसम की नाराज़गी के बावजूद पूरे हर्षोल्लास एवं उत्साह के साथ मनाया गया यहां कविता संवरती है तो कहानियां गढी जाती हैं,लोकगीत के स्वर गूंजते हैं तो वीणापाणि मां सरस्वती की वंदना के गीत भी। संस्थापिका आनंद बाला शर्मा के द्वारा 7 अप्रैल 2015 को रोपा गया बिरवा आज पुष्पित पल्लवित होकर छतनार बन चुका है।मात्र सात सदस्यों से शुरू होकर आज हम 15 की संख्या में हैं। इस संस्थसं की.वर्तमान अध्यक्ष पद्मर मिश्र हैं।क्षक डा सरित किशोरी श्रीवास्तव ने कहा था कि हमें बोनसाई होकर काम करना है,अर्थात गागर में.सागर की तरह साहित्य संस्कृति और सृजन को गरिमामय स्वरुप प्रदान करना है।। आनंद बाला शर्मा ने अपने आशिर्वाद के साथ बधाई देते हुए यह भरोसा भी जताया कि अब.ये समूह निरंतर आगे बढता रहे यही कामना है उनकी।शाम चार बजे से आरंभ यह कार्यक्रम सरित श्रीवास्तव के निवास शारद कुंग,सर्किट हाउस में आयोजित था।सर्वप्रथम मां सरस्वती के सम्मुख दीप प्रज्वलित कर वीणा पाण्डेय के द्वारा सरस्वती वंदना प्रस्तुत की गयी, सरित किशोरी श्रीवास्तव ने अतिथियों का स्वागत किया। विशिष्ट अतिथि मानवाधिकार के श्री जवाहरलाल शर्मा तथा श्री अंशु प्रसाद थे।अनेक उत्कृष्ट कविताएं भी पढी गई। छाया प्रसाद रेणुबाला मिश्र सुस्मिता मिश्रा, मीनाक्षी कर्ण, मनीला ,माधुरी मिश्रा, अनीता निधि, सरिता सिंह, आनंद बाला शर्मा,और पद्मा मिश्र भी रचनायें पढीं।इस अवसर पर सदस्यों को उनकी सक्रिय योगदान और सहयोग के लिए डा मनीला,डा मीनाक्षी एवं रेणुबाला मिश्रा ,पद्मा मिश्र को भी सम्मानित किया गया। इस दिन को.स्मरणीय बनाने के लिए केक काटा गया और सुस्वादु,मधुर मिष्ठान्न के साथ यह पारिवारिक मिलन समारोह की समाप्ति हुई।