काव्य :
बिटिया
==========O
पिता से" स्नेह "
मां से "ममता"
भाई से "प्यार "
और,
दादा-दादी से
"संस्कार "लेकर
जब
बिटिया ससुराल जाती है,
बांट देती है,
पति को "समर्पण "
अपने बच्चो में
ममता,स्नेह,प्यार
सास ससुर को
आदर,सम्मान
ओर सिर्फ
अपने पास रख लेती है,
मर्यादा,संस्कार,
तब कही जाकर
बनता है,
उसका
अपना घर ।।
- देवेन्द्र थापक गुलमोहर भोपाल
Tags:
काव्य