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काव्य : प्रथम पाठ - रानी पांडेय , रायगढ़,छत्तीसगढ


 काव्य : 

   प्रथम पाठ 


अतिरेक ही अंकुरण है,

असंतुलन ही उदगम ,

चित,गात,नाता,मति,

मर्यादाओ के चटकने का 

शंखनाद है युद्ध  ।

संतुलन है युद्ध प्रतिरोधी, 

आधिक्य अमन अवरोधी,

"बिखराव"का चक्र धरा पर,

पसारेगा सिर्फ विरानियां ।

रामायण हो या महाभारत, 

काल का संदर्भ कुछ भी हो,

करना होगा साम्य सिंगार,

तभी थमेगा युद्ध का हाहाकार ।

धारण योग्य समरसता ,

साधने योग्य साम्यवस्था,

रण,मनुष्य का मनुष्य से,

या मनुष्य का प्रकृति से,

बौद्धिक स्तर या काया स्तर,

धरा पर खड़े-गतिमान 

होने का प्रथम संतुलन, 

प्रकृति हमे सिखाती है ,

जीवन के पाठ्यक्रम में ,

इस एक शब्द को समझना होगा ,

प्रथम पाठ यही पढ़ना होगा,

विनाश से बचना है तो,

"संतुलन "हमे सीखना होगा ।


 - रानी पांडेय , रायगढ़,छत्तीसगढ।

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा युवा प्रवर्तक के प्रधान सम्पादक है। साथ ही साहित्यिक पत्रिका मानसरोवर एवं स्वर्ण विहार के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है। Click to More Detail About Editor Devendra soni

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