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मुंबई में भारतीय सिनेमा और साहित्य पर द्वि-दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी सम्पन्न


 

मुंबई में भारतीय सिनेमा और साहित्य पर द्वि-दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी सम्पन्न 

मुंबई । महात्मा गांधी द्वारा सन 1942 में स्थापित हिंदुस्तानी प्रचार सभा द्वारा विगत दिनोँ इंडियन मर्चेंट्स चेम्बर,  चर्चगेट के सभागार में भारतीय सिनेमा और साहित्य पर द्वि-दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया । कार्यक्रम के प्रथम दिन सुप्रसिद्ध फिल्म निर्माता एवं निर्देशक सुश्री अरुणा राजे पाटिल कार्यक्रम की मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रही। अध्यक्षता सुप्रसिद्ध अभिनेता श्री राजेंद्र गुप्ता ने की। प्रथम सत्र में सिनेमा और साहित्य के अंतर्संबंध ।  पर सुप्रसिद्ध साहित्यकार और मुंबई विश्वविद्यालय के पूर्व हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ. हूबनाथ पांडे ने, भारतीय फिल्मों के सामाजिक सरोकारों पर सुप्रसिद्ध कथा पटकथा लेखक श्री प्रकाश भारद्वाज ने, समानांतर सिनेमा और शाम बेनेगल पर पत्रकार और सुप्रसिद्ध फिल्म समीक्षक श्री अजय ब्रह्मात्मज ने तथा फिल्म संपादन कला पर सुप्रसिद्ध फिल्म एडिटर सुश्री अनुराधा सिंह ने अत्यंत रोचक शैली में अपने विचार व्यक्त किए । भोजनावकाश के बाद संपन्न द्वितीय सत्र की अध्यक्षता सुप्रसिद्ध अभिनेता एवं कथा, पटकथा लेखक श्री अतुल तिवारी ने की। इस सत्र में हिंदी के मेनस्ट्रीम सिनेमा और साहित्य पर सुप्रसिद्ध पटकथा लेखक एवं कहानीकार श्री कमलेश पांडे ने, जब फिल्में साहित्य से बतियाती है विषय पर सुप्रसिद्ध फिल्मकार एवँ कवयित्री श्रीमती चित्रा देसाई ने, हिंदी सिनेमा वाया हिंदी साहित्य पर सुप्रसिद्ध साहित्यकार श्री रमन मिश्र ने तथा कथा से पटकथा रूपांतरण- मुश्किलें और रास्ते पर सुप्रसिद्ध बेस्ट सेलर उपन्यासकार श्री सत्य व्यास ने अपनी बात कही । कार्यक्रम का सफल संचालन संयुक्त रूप से हिंदुस्तानी प्रचार सभा की विशेष कार्य अधिकारी डॉ. रीता कुमार तथा कार्यक्रम के उप संयोजक श्री राकेश कुमार त्रिपाठी ने किया। सबसे उल्लेखनीय बात यह रही कि कार्यक्रम में मुंबई के साहित्यकारों के अलावा बड़ी संख्या में महाविद्यालय के छात्र-छात्राएं उपस्थित थे। हिंदुस्तानी प्रचार सभा द्वारा आयोजित कार्यक्रमों की यह विशेषता होती है कि इसमें महाविद्यालय के विद्यार्थियों को जोड़ा जाता है बल्कि यूं कहा जाए तो ज्यादा उपयुक्त होगा कि सभा के कार्यक्रम युवा पीढ़ी को ध्यान में रखकर ही बनाए जाते हैं।

दूसरे दिन आयोजित प्रथम सत्र की अध्यक्षता मराठी एवं कोंकणी के सुप्रसिद्ध फिल्म निर्देशक राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता श्री नितिन भास्कर ने की। प्राध्यापक डॉक्टर इंद्रजीत सिंह ने वैश्विक सिनेमा में बांग्ला साहित्य एवं सिनेमा का योगदान विषय पर , फिल्म निर्देशक श्री संतोष पठारे ने मराठी साहित्य और सिनेमा पर , सिनेमा एवं संगीत के एनसाइक्लोपीडिया एवं हिंदी के सहायक प्राध्यापक श्री हार्दिक भट्ट ने गुजराती साहित्य एवं सिनेमा पर एवं स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया के सहायक महाप्रबंधक (राजभाषा) श्री श्रीकांत वर्मा ने तेलुगु साहित्य एवं सिनेमा पर तथा श्री हार्दिक भट्ट ने सिनेमा संगीत की विकास यात्रा विषय पर अपने विचार व्यक्त किए।  भोजनावकाश के बाद आयोजित द्वितीय सत्र के विशिष्ट अतिथि के रूप में सुप्रसिद्ध लेखक श्री जितेंद्र भाटिया उपस्थित थे। सत्र की अध्यक्षता लेखक एवं फिल्म निर्देशक श्री अविनाश दास ने की । प्रसिद्ध लेखक,  समीक्षक एवं उदघोषक श्री यूनुस खान ने साहित्यिक कृतियों पर बनी फिल्में और बॉक्स ऑफिस विषय पर,  नानावटी कॉलेज के हिंदी विभागाध्यक्ष एवं सुप्रसिद्ध लेखक एवं पटकथा लेखक डॉ. रविंद्र कात्यायन ने पटकथा लेखन बनाम साहित्यिक  लेखन विषय पर तथा नवभारत टाइम्स की फीचर एडिटर श्रीमती रेखा खान ने हिंदी सिनेमा और नारी सशक्तिकरण विषय पर तथा श्री जितेंद्र भाटिया ने मूक सिनेमा के अलिखित इतिहास पर अपने विचार व्यक्त किए । कार्यक्रम का सफल संचालन श्री राकेश कुमार त्रिपाठी ने किया।

प्रस्तुति – डॉ. विपिन पवार, पुणे

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा युवा प्रवर्तक के प्रधान सम्पादक है। साथ ही साहित्यिक पत्रिका मानसरोवर एवं स्वर्ण विहार के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है। Click to More Detail About Editor Devendra soni

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