व्यंग्यम की मासिक व्यंग्य पाठ गोष्ठी संपन्न
जबलपुर। व्यंग्य विधा के उन्नयन के लिए समर्पित 'व्यंग्यम' द्वारा 96 वीं मासिक गोष्ठी का आयोजन जय नगर स्थित पाण्डेय निवास में किया गया | जय प्रकाश पाण्डेय ने बताया कि व्यंग्यम परिवार के दो सदस्यों को व्यंग्य विधा के लिए कादम्बरी सम्मान की घोषणा की गई है, दोनों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं। गोष्ठी में बुंदेली व्यंग्यकार श्री गुप्तेश्वर द्वारका गुप्त ने सभी व्यंंग्यकारों का स्वागत किया।
गोष्ठी के प्रारम्भ में व्यंग्यकार श्री विजय तिवारी 'किसलय ' ने 'पोलिटिकल लीडरिटिस सिंड्रोम', श्री ओ. पी. सैनी ने 'तीज-त्योहार' श्री जय प्रकाश पाण्डेय ने 'कौआ महासंघ बैठक के मिनिट्स', रमाकांत ताम्रकार ने 'जात-कुजात', श्री राकेश सोहम ने 'गणपति के पंडाल में सर्वव्यापी',श्री सुरेश विचित्र ने 'शुद्धता की गारंटी', श्री प्रतुल श्रीवास्तव ने 'काश हम सोई कवि होते', श्री अभिमन्यु जैन ने 'प्रसादम', श्री के. पी. पांडे ने 'मैं लाठी नहीं लूँगा' तथा डॉ कुंदन सिंह परिहार जी ने 'भाग्यवादी होने के फायदे' शीर्षक वाले व्यंग्य लेखों का पाठ किया।
कार्यक्रम का संचालन यशस्वी व्यंग्यकार श्री सुरेश मिश्र विचित्र ने किया. कार्यक्रम की अध्यक्षता देश के प्रसिद्ध कथाकार एवं व्यंग्यकार डॉ कुंदन सिंह परिहार जी ने की तथा आभार प्रदर्शन डॉक्टर विजय तिवारी किसलय ने किया। व्यंग्यकार यशोवर्धन पाठक का सहयोग रहा।कार्यक्रम के अंत में लघुकथाकार व्यंग्यकार कुंवर प्रेमिल जी को श्रद्धांजलि अर्पित की गई।