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श्रीराम मंदिर साहित्य मंच द्वारा आयोजित की गई आभासी गोष्ठी


 

श्रीराम मंदिर साहित्य मंच द्वारा आयोजित की गई आभासी गोष्ठी 

फरीदाबाद । श्रीराम मंदिर साहित्य मंच द्वारा 20 नवंबर को आयोजित की गई आभासी गोष्ठी में दिल्ली, फरीदाबाद, बैंगलुरु नोएडा से कई साहित्यकार जुड़े। कार्यक्रम का आरम्भ विनीता लावणियां  द्वारा मधुर सरस्वती वंदना से हुआ। प्रभु राम के आदर्शो का अनुसरण करते हुए गोष्ठी मे समानता तथा समरसता का बखूबी पालन किया गया।

भक्ति रस के साथ साथ सामाजिक सरोकार से  भरपूर रचनाओं से पटल महकता रहा। कार्यक्रम का शानदार संचालन डॉ बबिता किरण ने किया।गोष्ठी में उपस्थित रचनाकारों की पंक्तियां:-

विनीता लावणियां कान्हा को याद कर कहती हैं -

"कान्हा मेरे तुझे क्या क्या लिखूँ,

प्रेम लिखूँ या निराशा लिखूँ।"

डॉ बबिता किरण ने जीवन की सार्थकता पर कुछ यूं कहा"हर पल है अनमोल यहां, जीवन को उपहार समझ।"

रमा त्यागी ने प्रश्न करते हुए कहा 

"राम की वंदना हम करें क्यों नहीं ?"

सीमा शर्मा ने शृंगार को भक्ति से जोड़ते हुए कहा 

"प्रथम मिलन यह देवी तुमसे, हृदय बसी तुम आज"

सुरेंद्र कुमार अरोड़ा ने आत्मचिंतन पर जोर दिया 

"चलो एक रावण का वध आज हम भी करते हैं"

कु प्रबल प्रताप सिंह राणा ने कुछ यूं कहा

"श्री राम की आराधना श्री राम चरण पद की कामना"

गीता चौबे गूँज की पंक्तियां 

"जब राम धरा पर आते हैं। 

दुर्गुण सब मुँह की खाते हैं।।"

डा. प्रवीण शर्मा ने धन्वंतरि को याद करते हुए कहा 

"जब हुआ समुद्र मंथन ,

तब हुए प्रकट वैध धन्वन्तरि।"

वृंदावन राय सरल ने खूबसूरत ग़ज़ल पेश की

"खुशियां बेची हैं खरीदी हैं सिसकियां मैंने

रोते बच्चे को अता की हैं तितलियां मैंने "

कुसुम सिंघल की पंक्तियां 

"आज मोहि सुधि रघुवर की आई।

कैसे धीर धरूँ मनुआ में ,

कछु नहीं परत सुझाई।"

सुनीता शारदा ने कहा 

"पाँव पखारण को रघुनन्दन ,

हम सब बैठे करते वन्दन।"

अरुणा राणा ने भरत के मन की बात की

"भाई भारत को मिली सूचना वापस भैया आएंगे।।

मां सीता को मुक्त कराया लेके अयोध्या आएंगे।।"

अलका गुप्ता ने डोली तथा अर्थी की तुलना की।

अंत में संस्थापक डॉ बबिता किरण ने सभी का आभार जताया।

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा युवा प्रवर्तक के प्रधान सम्पादक है। साथ ही साहित्यिक पत्रिका मानसरोवर एवं स्वर्ण विहार के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है। Click to More Detail About Editor Devendra soni

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