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काव्य : जी लो यारों खूब ये जिन्दगी - - डॉ ब्रजभूषण मिश्र , भोपाल


 काव्य : 

जी लो यारों खूब ये जिन्दगी


 जी लो यारो खूब ,ये जिन्दगी 

हर घूंट  तुम ,पी लो जिन्दगी 

समय मुट्ठी में न समाएगा,

पानी की तरह बह जायेगा 


जो है वह,अब और अभी है

फिर ये वक्त नहीं मिलता कभी है

अफसोस,और कोई मलाल न रखो 

बहुत स्वादों वाली ये जिन्दगी चखो

जी लो यारों ,खूब ये जिंदगी

हर घूंट तुम पी लो जिन्दगी 


सिर्फ घर,भोजन,कपड़े और

साजो समान ,सम्मान,नहीं जुटाओ 

पेड़ पौधे नदियां ,परबत तितलियों 

जानवरों सभी को, प्यार करो प्यार पाओ 

जी लो यारों खूब ये जिंदगी

हर घूंट  तुम पी लो जिन्दगी 


अभी तुम में ऊर्जा और 

उमंग है

देखो, जिन्दगी में बहुत रंग है

उडो ऊपर ,करो मन,पतंग की तरह

बहुत विस्तृत ,नीला आकाश हो जाओ

जी लो यारो खूब ये जिंदगी

*ब्रज*, हर घूंट तुम पी लो जिन्दगी


 - डॉ ब्रजभूषण मिश्र , भोपाल

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा युवा प्रवर्तक के प्रधान सम्पादक है। साथ ही साहित्यिक पत्रिका मानसरोवर एवं स्वर्ण विहार के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है। Click to More Detail About Editor Devendra soni

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