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काव्य : नव वर्ष आने को है - डॉ ब्रजभूषण मिश्र , भोपाल


 काव्य : 

नव वर्ष आने को है


नव वर्ष, पुनः आने को है

उमंग, भर जाने को है

दुखद,भूल जाने को है

नव स्वप्न,पूर्ण कर जाने को है


काल कब ,समान होता

कर्म ही ,समाधान होता

भाग्य का, न भरोसा कर

जीवन न सदा,आसान होता


दिनकर,नव विहान लावे

सबको, ऊंचा आसमान लावे

रिश्तों की डोर,दृढ़ता दे 

सम्बन्ध ही,बलवान होता


काल न कोई ,व्यर्थ करें

प्रति क्षण,समय में अर्थ भरें

नये साल में,और हर्ष अर्जित हो

हर्षित मन ही,धनवान होता


पुराने  समय का रोना क्यों

नए समय को ,खोना क्यों

मन सतत,संभावनाएं खोजे

उत्सुक जन ही,शोधवान होता


हर प्राण में, भगवन देखें

तदानुसार,हमारा आचरण हो

वर्ग,वर्ण,धर्म,न हमें बांट सके

ब्रज,एकता में राष्ट्र सम्मान होता


डॉ ब्रजभूषण मिश्र , भोपाल

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा युवा प्रवर्तक के प्रधान सम्पादक है। साथ ही साहित्यिक पत्रिका मानसरोवर एवं स्वर्ण विहार के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है। Click to More Detail About Editor Devendra soni

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