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काव्य : दो बिम्ब, माँ अँधेरे कोने में... इंजी. अरुण कुमार जैन , फरीदाबाद


 काव्य : 

मदर डे...

दो बिम्ब,

माँ अँधेरे कोने में...

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इंजी. अरुण कुमार जैन

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आज मदर डे है..!

मना रहे हैं एक -एक, दो-दो बच्चे,

जिनकी माँ बढ़े दुलार से, अपने बच्चों को पीजा, मैकरोनी या जैमाटो का खाना खिलाती हैं,

छोड़ मोबाइल, टी. वी. के भरोसे बच्चों को,

किटी पार्टी या शॉपिंग में समय बिताती हैं.

रात्रि को 'गुड नाईट डार्लिंग कहकर,बच्चों को ए. सी. में सुलाती हैं,

बच्चों ने माँ को अमोजान से गिफ्ट मंगाया है,

सुन्दर से रेप कर दे माँ को सरप्राइज दिलाया है.

बढ़े आयोजन, आउटिंग, मेकअप, फोटोग्राफी की बाहर आयी है.

घर-बाहर  है रौनक,

खुशियों की सरिता स्वयं आयी है.

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जिन माताओं ने अपने पाँच से आठ बच्चों को स्वयं पाला,

सुबह चक्की से पीसा, 

घर को झाड़ा, बुहारा,

10 जनों का खाना, गर्मी, सर्दी में चूल्हे पर खुद बरसों बनाया,

लकड़ी, कंडो के धुओं से भर जाती थीं जिनकी आँखें,

फिर भी बड़े दुलार से पूरे परिवार को हर दिन खिलाया,

बर्तन, झाड़ू, पोंछा, कपड़ो की धुलाई हाथों से,

शायद उन माओं को विश्राम का समय भी न मिल पाया.

वे माँ!! 

आज 80-90 वर्ष की होकर

4-6सन्तानो के होते हुये भी,

अशक्त देह लिए अकेली, आँखों में आँसू बहा रहीं हैं..

उनके बच्चे शेयर कर रहे,

माँ के साथ के पुराने फोटो,

माँ अँधेरे कोने में,

जीवन के आखिरी दिन,

वेदना में बिता रहीं हैं.?

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संपर्क//अमृता हॉस्पिटल, सेक्टर 88,फ़रीदाबाद, हरियाणा.

मो. 7999469175.

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा युवा प्रवर्तक के प्रधान सम्पादक है। साथ ही साहित्यिक पत्रिका मानसरोवर एवं स्वर्ण विहार के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है। Click to More Detail About Editor Devendra soni

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