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राम सा पुत्र नहीं प्रहलाद सा भक्त नहीं : पं रमाकांत व्यास


 राम सा पुत्र नहीं प्रहलाद सा भक्त नहीं : पं रमाकांत व्यास 

हनुमान टेकरी सरकार मंदिर पर  भागवत कथा का चतुर्थ दिन::

ग्वालियर ::सिद्ध पीठ श्री हनुमान टेकरी श्रद्धा पर्वत पर नववर्ष के पावन उत्सव पर महामंडलेश्वर धूमेश्वर एवं रावतपुरा सरकार, दंदरौआ धाम पीठाधीश्वर एवं रतनगढ़ महंत श्री महाराज के पावन सानिध्य में श्रीमद् भागवत कथा का शुभारंभ हो चुका है।कथा के शुभारंभ के अवसर पर व्यासपीठ पर विराजमान भागवत वाचक पं रमाकांत व्यास जी ने कथा के चतुर्थ दिन के अवसर पर गणेश पूजन एवं टेकरी सरकार का पूजन कर भागवतपाठ का चतुर्थ दिन का अध्याय प्रारम्भ किया। व्यास पीठ पर विराजमान पूज्य रमाकांत व्यास टोला रावतपुरा ने भागवत के महत्व की कथा का वर्णन करते हुए भगवान राम के जीवन पर प्रकाश डालते हुए बताया कि किस प्रकार प्रभु राम के जन्म होने से जब तक वे धरती पर रहे तब तक उन्होंने धर्म का पालन किया और मनुष्य का जीवन लिया है तो इंसान को हर तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता हैं प्रभु राम तो भगवान के साक्षात् अवतार थे फिर भी उन्होंने 14 वर्ष का वनवास काटा और माता सीता साक्षात मां लक्ष्मी का अवतार थी फिर भी वे 14 वर्ष वनवास में रही। व्यास जी ने कहा भगवान राम के जीवन को भागवत में इसलिए बताया गया कि मनुष्य के जीवन में उतार चढ़ाव आते रहते परंतु उनको उन परेशानियों को भगवान की लीला समझ के भगवत पूजन करते रहना चाहिए। कथा के दूसरे वाक्य में रमाकांत व्यास ने बताया कि हिरणाकश्यप के पुत्र होने पर भी प्रहलाद ने भगवान नारायण को अपना इष्ट माना और और सदैव भगवान नारायण की पूजा करते रहे और पिता के बार बार डराने पर भी अपने पथ से विचलित नहीं हुए और सदैव भगवान की भक्ति करते रहे।इस वाक्य से यह साबित होता कि कि मनुष्य जन्म से नहीं कर्म से महान बनता हैं।आज की चतुर्थ दिवस की कथा में व्यास पीठ से कथा में भगवान् राम चरित्र और भक्त प्रहलाद के जीवन कथा में भगवान राम की नाम महिमा का वर्णन किया गया साथ ही बताया कि भागवत कथा सुनने से मनुष्य भगवत प्राप्ति होती है। व्यास जी ने आज की कथा में गुरु क्या होते ये महत्व भी बताया और श्रोताओं से कहा कि गुरु भगवान का दूसरा रूप है  कभी भी गुरु पहनावे से ने बल्कि उनके ज्ञान से गुरु मानना चाहिए।

प्रतिदिन की भांति व्यास जी की मधुर वाणी से पंडाल में बैठे हुए भक्तगण भी आत्म विभोर हो गए।महाराज जी ने आज अपनी कथा में भक्ति कितनी प्रकार की होती है ये भी बताया पं रमाकांत ने बताया कि भक्ति अन्य प्रकार की होती है।आज की कथा में भगवान राम एवं भक्त प्रहलाद के जीवन का वर्णन किया गया। तथा व्यास जी की मधुर वाणी से गाए हुए भजनों का श्रोताओं ने भरपूर आनंद लिया सभी श्रोतागण भजनों पर थिरक उठे। कथा संकीर्तन के माध्यम से सभी श्रोत गण भक्त मंत्र मुग्द हो गए।कथा में मुख्य यजमान श्रीमती राधा नरेंद्र शर्मा व्यास पूजन किया। कथा के बाद सुन्दर रास लीला का मंचन किया गया। रास लीला में भगवान राम मां सीता और लक्ष्मण जी उनके बनवास के समय में उन्होंने अपना जीवन चरित्र कैसे जीया वो झांकी द्वारा दर्शाया गया और भक्त प्रहलाद के जीवन का वर्णन लीला के मंचन द्वारा प्रस्तुत किया गया। जिसे देख सभी लोग मन्त्र मुग्द हो गए।कथा के चतुर्थ दिन के विराम के पाश्चात् प्रतिदिन के भांति भगवत आरती की गई और सभी भक्तजनों को प्रसादी दी गई।आज की कथा के दिन क्षेत्रवासियों और टेकरी भक्तगण के अलावा भी ग्वालियर शहर के कोने कोने से भक्त कथा सुनने आए।इस अवसर पर टेकरी सरकार के महंत दिनेश शर्मा,राधा माधव आश्रम वृंदावन के संचालक पं जानकीवल्लभ पाठक,अरुण शर्मा, के .पी अजरिया,के.के शर्मा, राकेश नायक, भूपेंद्र शर्मा, के.डी. सोनिकिया, पंकज सोनकिया, ओमप्रकाश भार्गव, रवि गौड़,सोनू चौधरी, अभिषेक पाण्डेय जीतू ठाकुर  के साथ टेकरी सरकार के भक्तगण के साथ आदि लोग उपस्थित रहे।

प्रेषक : 

मुकेश तिवारी,वरिष्ठ पत्रकार

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा युवा प्रवर्तक के प्रधान सम्पादक है। साथ ही साहित्यिक पत्रिका मानसरोवर एवं स्वर्ण विहार के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है। Click to More Detail About Editor Devendra soni

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