ad

आज की जिंदगी - प्रदीप छाजेड़ ( बोरावड़ )


 आज की जिंदगी

         हम देख सकतें हैं कि आज की ज़िन्दगी ने इस कदर करवट ले ली है कि बहुत बार पहचानना मुश्किल हो जाता है यह असली है कि नकली है। वह यहाँ तक कि मुस्कुराहट को ही देख लीजिए कि लोग हकीकत में कम पर तस्वीर में ज्यादा मुस्कुराते हैं।वह जो कुछ आप हैं नहीं दूसरों के सामने वो ही बनना, अथवा वो क्षणिक व्यवहार आदि जो आप द्वारा एक व्यक्ति को प्रभावित करने के लिए उसके साथ किया जाता है। यह सच माने तो वह दिखावा हैं कि भलाई घर छोड़कर ही नहीं होती, घर जोड़कर भी हो जाती है।वह भेष बदलने से ही नहीं ,भाषा को कुछ सही बदलने से भी भलाई होती हैं । बुज़ुर्गों ने सही कहा है कि दूसरों की मदद करते हुए यदि दिल में खुशी हो तो वही सेवा  है बाकी सब दिखावा है।  हम बस भलाई करते रहे बहते पानी की तरह,बुराई खुद ही कचरे की तरह किनारे लग जाएगी।वैसे भी तो नेक लोगों की संगत से हमेशा भलाई ही मिलती है क्योंकि हवा जब फूलों से गुज़रती है तो वो भी ख़ुशबूदार हो जाती हैं । इन्सान वही हो सकता है जिसके पास इंसानियत हो और साथ ही उसकी अच्छी व सकारात्मक नियत हो ।हमारे द्वारा अहंकार में जीकर किसी को रुलाने का न फायदा न कायदा होता हैं । अतः हम ऐसे में क्यों न करें सबको खुश रखने व हंसाने का वायदा आदि - आदि ।हम अपने भीतर असीम, अपूर्ण इच्छाओं  की पीड़ा आदि से छटपटाते हैं पर दिखावट में उनसे संतुष्ट कोई नहीं हैं क्योंकि चेहरे के भाव ऐसा दिखलाते हैं।

 - प्रदीप छाजेड़

( बोरावड़ )

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा युवा प्रवर्तक के प्रधान सम्पादक है। साथ ही साहित्यिक पत्रिका मानसरोवर एवं स्वर्ण विहार के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है। Click to More Detail About Editor Devendra soni

Post a Comment

Previous Post Next Post