हनुमान जयंती के शुभावसर पर,
प्रबल शक्ति, निष्ठा, भक्ति के...
- इंजिनियर अरुण कुमार जैन
अंजनी नंदन कोटि नमन है, जन्मदिवस पर,
प्रभुराम चंद्र अनुरागी,व श्रेष्ठ भक्तवर,
मारुतिनन्दन, पवनपुत्र भी, प्रभु कहलाये,
अंजनी माता, पवनपुत्र के आँगन आये.
प्रारब्धोंवश माँ ने गहन वेदना पायी,
निर्जनवन में माँ ममता की घुट्टी पायी,
प्रबलशक्ति, निष्ठा, भक्ति के तुम प्रतीक हो,
सेवा,बुद्धि, समर्पण की, अनुपम नजीर हो.
बजरंगबली, संकटमोचन तुम कहलाते,
अपने भक्तों की रक्षा का भार उठाते.
माँ सीता व प्रभु राम के चरण शरण थे,
हरपल सेवा करके ही आनंदित तुम थे.
माँ सीता को खोजा,प्रभु पीर मिटायी,
दम्भी रावण व लंका में आग लगायी.
पूरा पर्वत ले आये हाथों पर अपने,
पाया लक्ष्मण जीवन, खोले नयन थे अपने.
लंका से अवधपुरी तक सबके प्यारे,
भक्तशिरोमणि,रामप्रभु नयनों के तारे.
मांगीतुंगी मोक्षमहल पद दायी धरती,
सिद्धशिला परआप विराजे, विनती जग की,
चैत्र पूर्णिमा, करते वंदन, हम अभिनन्दन,
कृपादृष्टि पा रहें आपकी चरण की शरण.
अमृताहॉस्पिटल फ़रीदाबाद, हरियाणा.
मो 7999469175