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“सृजन सरिता” में संग्रहित रचनाएँ अश्रुजीवी हैं, इन्हें कवि ने सालों जिया है तब लिखा है- डॉ विकास दवे


 

बिहारी लाल सोनी “अनुज” के मुक्तक संग्रह “सृजन सरिता” का हुआ विमोचन

“सृजन सरिता” में संग्रहित रचनाएँ अश्रुजीवी हैं, इन्हें कवि ने सालों जिया है तब लिखा है- डॉ विकास दवे

भोपाल । दुष्यंत स्मारक पांडुलिपि संग्रहालय सभागार के राज सदन में बिहारी लाल सोनी “अनुज” के मुक्तक संग्रह का विमोचन हिन्दी साहित्य अकादमी के निदेशक डॉ विकास दवे की अध्यक्षता, वरिष्ठ कवि गीतकार राजेंद्र शर्मा अक्षर के मुख्य आतिथ्य और बाल शोध केंद्र के निदेशक महेश सक्सेना के विशिष्ट आतिथ्य में सम्पन्न हुआ। स्वागत उद्बोधन के पश्चात बिहारी लाल सोनी ने अपनी रचना प्रक्रिया पर बात करते हुए चुनिंदा कविताओं का सस्वर पाठ किया। 

भारतीय साहित्य एवं कला परिषद के तत्वावधान में आयोजित इस कार्यक्रम में वरिष्ठ साहित्यकार सुरेश पटवा ने लेखक की कृति “सृजन सरिता” की सारगर्भित समीक्षा प्रस्तुत करते हुए बिहारी लाल सोनी के व्यक्तित्व और कृतित्व पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि रचनाकार का व्यक्तित्व उसकी रचनाओं में प्रकट होता है। इनकी स्वाभाविक रचनाओं में इनके निश्छल व्यक्तित्व की झलक मिलती है। 

डॉ विकास दवे ने बिहारी लाल जी के व्यक्तित्व की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए उनके मुक्तकों की मुक्त कंठ से सराहना की और कहा कि इस संग्रह में अश्रुजीवी रचनाएँ संग्रहित हैं। 

राजेंद्र शर्मा अक्षर ने कहा कि रचयिता के हृदय से रचनाओं के निकलने से उसे असीम संतुष्टि मिलती है। वह स्वान्तसुखाय अद्भुत होता है। इस पुस्तक में इसी प्रकार के मुक्तक हैं। महेश सक्सेना ने संग्रह की रचनाओं को मौलिक निरूपित करते हुए कवि की रचनाधर्मिता की प्रशंसा की। 

उपस्थित साहित्य रसिकों का स्वागत वरिष्ठ साहित्यकार गोकुल सोनी ने किया। सरस्वती वंदना और संचालन डॉ विमल भंडारी ने किया। व्यवस्था मीतेश सोनी, ओ पी सोनी, एवम विनोद सोनिया ने की।

सुरेश पटवा

वरिष्ठ साहित्यकार

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा युवा प्रवर्तक के प्रधान सम्पादक है। साथ ही साहित्यिक पत्रिका मानसरोवर एवं स्वर्ण विहार के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है। Click to More Detail About Editor Devendra soni

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