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काव्य : वे ही देवता, वे ही तीरथ...-इंजिनियर अरुण कुमार जैन ,फरीदाबाद

 


काव्य : 

26 जुलाई, कारगिल विजय दिवस रजत जयंती.

वे ही देवता, वे ही तीरथ.....

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इंजिनियर अरुण कुमार जैन 

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रजत जयंती कारगिल विजय की, हम सब आज मनाते,

जिन वीरों ने प्राण गंवाये,     उनको शीश झुकाते.

मई निन्यानवे में दुश्मन ने,   कब्ज़ा अपना जमाया,

पाँच जवानों की हत्या कर,    कायरपना दिखाया||

आक्रोशित भारत का कण -कण,बढ़े जवान हमारे,

दुर्गम, दुर्थल घाटी ऊपर,     चढ़े वीर ये सारे.

ऊपर दुश्मन, नीचे ये थे,    फिर भी तनिक न हारे, 

भारत माँ की जय -जय करके, चढ़े कारगिल सारे.

गौरवशाली प्रिय तिरंगा,   फिर शिखर पर लहराया,

तीन हजार को मौत सुलाकर,     माँ का मान बढ़ाया.

वीर पाँच सौ शहीद हो गये,        माँ की रक्षा करने,

शुभ्र गगन में रवि, शशि जैसे,    इनके यश, गुण दमके.

26 जुलाई 99 को,            विजय श्री का वरण था,

सौ करोड़ भारतवासी का,    रोम -रोम पुलकित था.

25 पूरे वर्ष हो गये,              हम सब आनंदित हैं,

प्राण गवाएं जिन वीरों ने,     उनको कोटि नमन हैं.

पथरीले, बर्फीले, दुर्गम,      शिखर तिरंगा प्यारा,

भारत माँ की जय -जय -जय का,है निनाद दुलारा.

जिनके बेटे, भाई, पिता ने,       अपनी जान गँवायी,

उजड़े सुहाग ,  कलाई सूनी,        आँखें भी पथराई.

कोटि नमन उन सभी जनों को,  जिनने अपनों को खोया,

जिनकी शौर्य, वीर गाथा ने,स्वर्णिम पृष्ठ नव जोड़ा.

अखिल राष्ट्र आभारी उनका,       द्रवित नयन व मन से,

भारत माँ के वे गौरव हैं,         हम सब र्र्णी हैं उनके.

वे ही देवता, वे ही तीरथ,     वंदन नमन स्वीकारें,

निडर,बहादुर, देशभक्त,       वीरों के पथ अपनाएं.

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अमृता हॉस्पिटल, फ़रीदाबाद, हरियाणा.

मो. 7999469175.

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा युवा प्रवर्तक के प्रधान सम्पादक है। साथ ही साहित्यिक पत्रिका मानसरोवर एवं स्वर्ण विहार के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है। Click to More Detail About Editor Devendra soni

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