काव्य :
दोस्ती की डोर
विद्यालय होता ज्ञान और शिक्षा का संगम।
जिसमें होता संस्कारों और संस्कृति का समागम ।।
स्कूल के वो सुनहरे पल ।
याद आते हैं बीते हुए कल।।
टॉपर की लगी रहती होड़ ।
फिर भी दोस्ती होती बेजोड़।।
खट्टी मीठी यादों से भरपूर।
दोस्त कुछ पास है कुछ दूर।।
आने की जब खबर मिले होता दिल बेचैन ।
राह देख , न ही दिन कटता, न ही रैन ।।
इंद्र धनुष की तरह होते दोस्त सारे ।
सभी दोस्त अलग- अलग रंगों के पर होते प्यारे ।
दोस्ती की डोर जीवनभर साथ रहती है ।
दोस्तो की हंसी मजाक यादों में बसती हैं ।
माता पिता और गुरु बने मार्गदर्शक ।
हमने भी पूरा प्रयास किया सफलता पाने भरसक ।।
गुरु ज्ञान से बने रहे छात्र अव्वल ।
जीवन यात्रा में मिलता रहा संबल।।
बहुत ही खूबसूरत था वह हमारा शिशु मंदिर बसना 2004 का बैच।
न कोई वाद विवाद न ही खेला किसी ने मैच ।।
सबने अपनी अपनी भविष्य बनाने राह चुनी ।
लक्ष्य प्राप्ति की ओर प्रयास होती गई दोगुनी ।।
बच्चों के भविष्य को उज्जवल बनाया जाता।
जीवन के नैतिक मूल्यों को भी सिखाया जाता।।
हंसना खिलखिलाता बीत जाता यूं ही सबका हाल।
यादों के इन लम्हों में गुजरते जाते सालों साल ।।
- श्रीमती प्रतिभा दिनेश कर
विकासखंड सरायपाली
जिला महासमुंद (छ .ग.)
सबके जैसे नाज को भी नाज पर नाज होता है
ReplyDeleteसब सखाओ मे बाल सखा सरताज होता है
बिल्कुल सही कहा SIR 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
DeleteOLD IS GOLD 🧿
युवा प्रवर्तक न्यूज के प्रधान संपादक श्री सोनी SIR का बहुत बहुत धन्यवाद जिन्होंने हमें आज अपनी भावनाओं को साझा करने का स्थान दिया
ReplyDeleteTHONKYOU सोनी SIR 🙏🏻
दोस्ती की डोर बहुत सुंदर रचना के लिए ढ़ेर सारे बधाई हो मैम जी।
ReplyDeleteThankyou SIR 🙏🏻🙏🏻🙏🏻
Deleteकोई दोस्त कभी पुराना नहीं होता, कुछ दिन बात न करने से बेगाना नहीं होता, दोस्ती में दूरी तो आती रहती है, पर दूरी का मतलब भुलाना नहीं होता ।
ReplyDeletepyari si kavita ne pyare mitron or vidhyalaya ki yad dila di
ReplyDelete❤️😂🫶🏻🫶🏻🫶🏻💓💓
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