शासकीय कन्या महाविद्यालय इटारसी में "विकसित भारत के लिए मानव पूंजी विषय पर परिचर्चा का हुआ आयोजन
इटारसी । शासकीय कन्या महाविद्यालय, इटारसी में आज दिनांक 2 अगस्त 2025 को विकसित भारत के लिए मानव पूंजी हेतु कार्यशाला का आयोजन किया गया कार्यशाला में उच्च शिक्षा में नीतिगत अंतर और चुनौतियां, संभावनाएं- समाधान एवं श्रेष्ठ प्रथाएं विषयों पर प्राध्यापकों ने विचार व्यक्त किये । और उच्च शिक्षा क्षेत्र की व्यवहारिक समस्याओं एवं समाधान पर सारगर्भित विमर्श किया। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर आर एस मेहरा ने कहा कि वर्तमान परिपेक्ष में उच्च शिक्षा नीतिगत परिवर्तन के दौर से गुजर रही है लेकिन इन नीतियों के प्रभावी क्रियान्वयन में कई चुनौतियां सामने आ रही हैं । संसाधनों की सीमाएं, शिक्षक भर्ती की अनियमितता और डिजिटल असमानता जैसे मुद्दों पर जमीनी स्तर पर ठोस रणनीतियां अपनानी होगी। आइक्यूएसी प्रभारी डॉ. हरप्रीत रंधावा ने कहा कि उच्च शिक्षा में गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए नीति निर्माण के साथ अति आवश्यक है उसका समर्पित पारदर्शी और निरंतर क्रियान्वयन होना आज कॉलेजों में शैक्षिक नवाचार, आईसीटी आधारित शिक्षण और सतत मूल्यांकन की आवश्यकता पहले से अधिक है। कार्यक्रम की संचालिका डॉक्टर हर्षा शर्मा ने कहा कि शासन को नीति स्तर पर शोध गतिविधियों को बढ़ावा देने हेतु ठोस कदम उठाने होंगे अपने मानव पूंजी विकास की दिशा में शिक्षकों की भूमिका को रेखांकित किया। श्री स्नेहांशु सिंह ने कहा कि कॉलेज को नवाचार, डिजिटलीकरण और कौशल विकास के क्षेत्र में ठोस पहल करनी होगी। नीतिगत स्पष्टता , पारदर्शिता और जवाबदेही के साथ हम राष्ट्रीय शिक्षा नीति के लक्षण को प्राप्त कर सकते हैं। कार्यशाला में डॉ. शिरीष परसाई ने शिक्षक भर्ती प्रक्रिया, अतिथि विद्वानों की स्थिति और कॉलेजों में प्रशासनिक जटिलताओं पर चर्चा की। आपने कहा कि कॉलेज में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए शिक्षक स्थायित्व आवश्यक है महाविद्यालयों को नवाचार, गुणवत्ता और जवाबदेही की त्रिसूत्री नीति पर चलकर ही शिक्षण व्यवस्था को सशक्त बनाना होगा। कार्यशाला में डॉ शिखा गुप्ता एवं श्री अनिल मोहबे ने भी विचार व्यक्त किये। ज्ञात हो कि इस परिचर्चा से निकले श्रेष्ठ सुझावों को जिला स्तर पर और फिर जिला स्तर से नवंबर में होने वाली सचिव स्तर की राष्ट्रीय संगोष्ठी में विचार हेतु रखा जावेगा। इन सुझावों की राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन मे अहम भूमिका होगी जो विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने का साधन बनेगी।
कार्यक्रम में डॉ. हरप्रीत रंधावा, श्रीमती मंजरी अवस्थी, डॉ हर्षा शर्मा, श्री स्नेहांशु सिंह, श्री रविंद्र चौरसिया, डॉ मुकेश चंद्र विष्ट, डॉ. शिरीष परसाई, डॉ. संजय आर्य, डॉ शिखा गुप्ता, डॉ. श्रद्धा जैन, डॉ नेहा सिकरवार, श्री अनिल मोहबे, श्री हेमन्त गोहिया, तरुणा तिवारी, क्षमा वर्मा, करिश्मा कश्यप, एवं श्री एन आर मालवीय उपस्थित थे।
प्राचार्य