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काव्य : वर्तमान मानसिकता - रिया वर्मा,प्रयागराज


 काव्य : 

वर्तमान मानसिकता 


कर्म से ऊपर जात - पात और धर्म रखते हैं।

नासमझ हैं, इंसान होने का भ्रम रखते हैं।।

जिनकी जिम्मेदारी है सबको जोड़े रखने की,

वही दिलों में दरारें डालने का हुनर रखते हैं।

इंसानियत का मजहब भूल चुके हैं हम सभी,

मतलब और लालच को सरआँखो पर रखते हैं।

न कोई परवाह न ख़ौफ है कायदे कानून की,

ये सनक से भरे लोग कहां कोई शर्म रखते हैं।

हर सियाह रात के बाद आती है, रौशन सुबह...।

इसी उम्मीद पर इत्मीनान और सब्र रखते है।।


- रिया वर्मा,प्रयागराज

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा युवा प्रवर्तक के प्रधान सम्पादक है। साथ ही साहित्यिक पत्रिका मानसरोवर एवं स्वर्ण विहार के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है। Click to More Detail About Editor Devendra soni

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