संस्कृत भाषा सभी आधुनिक ज्ञान-विज्ञान का आधार है - डॉ. कृष्ण मोहन पाण्डेय
बागपत। मैत्रेयी महाविद्यालय के संस्कृत विभाग तथा संस्कृत भारती दिल्ली प्रांत के संयुक्त तत्त्वावधान में संस्कृत सप्ताह के शुभ अवसर पर अनेक अकादमिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया। महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो. हरित्मा चोपड़ा के मार्गदर्शन में आयोजित प्रस्तुत कार्यक्रम का शुभारम्भ मंगलाचरण से हुआ। इसके पश्चात् भारतीय ज्ञान परम्परा का वैश्विक परिदृश्य विषय पर प्राच्यविद्या अध्ययन संकाय, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के सहाचार्य डॉ. कृष्ण मोहन पाण्डेय का अत्यंत ज्ञानवर्धक व्याख्यान हुआ। डॉ. पाण्डेय ने फिजिक्स, केमिस्ट्री, कॉमर्स आदि आधुनिक विषयों के प्रादुर्भाव को संस्कृत के ऋषि-मुनियों द्वारा प्रणीत शास्त्रों से सिद्ध किया। उन्होंने विभिन्न ऐतिहासिक संदर्भो का उल्लेख करते हुए हमारे शास्त्रों, विद्वानों व तक्षशिला- नालन्दा आदि अध्ययन केन्द्रों को आक्रान्ताओं द्वारा किस प्रकार नष्ट किया इन सभी घटनाओं को भी सप्रमाण उपस्थापित किया। साथ ही भारतीय ज्ञानपरम्परा की गौरवगाथा का विधिवत निरूपण भी किया, जिसे सुनकर श्रोतागण मन्त्र मुग्ध हो गए। इस अवसर पर संस्कृत हस्ताक्षर अभियान, संस्कृतप्रश्नमंच, संस्कृत श्लोकोच्चारण आदि प्रतियोगिताएं भी प्रमुख आयोजित की गई। जिनमें विभाग एवं विभागेतर अध्यापकों तथा छात्राओं ने बढ़-चढ़कर प्रतिभाग किया। संस्कृत विभाग के अध्यक्ष डॉ. प्रमोद कुमार सिंह द्वारा स्वागत वक्तव्य दिया गया। पुस्तकालय अध्यक्ष, प्रो. प्रदीप राय की भी इस अवसर पर गरिमामयी उपस्थिति रही। डॉ, सुशील कुमारी, डॉ. रेखा कुमारी, डॉ. कुमुद रानी गर्ग, डॉ. धर्मेन्द्र कुमार, डॉ. वेदवर्द्धन तथा डॉ. हेमलता रानी आदि विभाग के सभी प्राध्यापक इस कार्यक्रम में सम्मिलित हुए। डॉ. धर्मेंद्र कुमार ने सभी सभागत जनों के प्रति विभाग की ओर से धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर संस्कृत भारती संस्था के पदाधिकारीगण एवं महाविद्यालय विभाग प्रमुख लविश के साथ-साथ बड़ी संख्या में छात्राओं की उपस्थिति रही। संस्कृत के प्रचार-प्रसार के लिए की गयी इस महनीय ज्ञानयज्ञ को विभाग की छात्राएं शाइना, मानसी, छवि, कृतिका, ज्योति, साधना तथा अन्य सभी विभागीय छात्राओं ने सफल बनाया।
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