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काव्य: कड़वाहट -रीना वर्मा , हज़ारीबाग , झारखण्ड


 काव्य:

कड़वाहट 

ख़ामोशी से भरी कड़वाहट 

कुछ न कहकर भी उगलती है

सन्नाटें मे अजीब कड़वाहट 

चारो तरफ बस कड़वाहट,


जिंदगी को जुदा करती हुई 

मौत से जोड़ती रोज रोज 

ये कड़वाहट है जहरीली सी 

जहर से भी ज्यादा जहरीली,


अपनी सोच की जंजीर से 

जकड़कर घूंट पिलाते रहना नित्य

तबतक जबतक सांसे खत्म न हो 

कौन हो क्यों हो कैसी कड़वाहट?


मिठास को बलि चढ़ाकर 

कड़वाहट की माला पहनाकर 

काँटों की चुभन भरी जिंदगी मे 

कड़वाहट की सेज सुला कर?


उम्र के हर पड़ाव कड़वाहट 

अंतर्मन के दिवार मे लिखी है 

हर नस नस मे कड़वाहट 

मार डालेगी निर्मम मौत देकर?


ये कड़वाहट कई रूपों मे है 

मुखौटा लगाए मुस्कुराते हुए 

हाथ मे लिए प्याला ए कड़वाहट 

शायद जिंदगी एक कड़वाहट है । 

- रीना वर्मा , हज़ारीबाग , झारखण्ड

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा युवा प्रवर्तक के प्रधान सम्पादक है। साथ ही साहित्यिक पत्रिका मानसरोवर एवं स्वर्ण विहार के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है। Click to More Detail About Editor Devendra soni

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