पदम विभूषण श्री रतन टाटा को श्रद्धांजलि,
वापिस फिर आयें
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- इंजिनियर अरुण कुमार जैन
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सिर्फ नाम से नहीं,काम से श्रेष्ठ रतन थे,
भारत के नंदन कानन के, श्रेष्ठ रतन थे.
रत्नो का वैभव पाकर भी, सरल,सहज थे,
एक श्रमिक की पीर, वेदना के संबल थे.
काम दिया लाखों को, मन में हर्ष दिलाया,
निर्बल, वंचित ने भी सुखमय जीवन पाया.
दो पहिया वालों को नैनो,
दे दी तुमने,
सपनों को साकार किया, लाखों जन -जन ने.
जागुआर अधिग्रहण कर, भारत मान बढ़ाया,
भारत सर्वश्रेष्ठ है, जग को फिर बतलाया.
'होटल ताज 'जला मुंबई में, साहस लाये,
देश भक्ति है रोम -रोम, जग को बतलाये.
जन -जन, हर मन व भारत के दिव्य पुरुष थे,
एयर इंडिया नील गगन में के संबल थे.
9 अक्टूबर गहन निशा में स्वर्ग सिधारे,
लाखों नयनों में अश्रु हैं, दुखी हैं सारे.
नम नयनों से श्रेष्ठ रतन को कोटि नमन हैं,
गुण अपना, अनुसरण करें, यही हर मन हैं.
न नेता, न सैनिक, न किसान थे,
इन सबसे आगे श्रेष्ठ भारतीय, व महान थे.
जब तक भारत की माटी में सुमन खिलेंगे,
दिव्य रतन की सुरभि, जन -जन को देंगे.
प्रभु चरणों में नहीं रुकें, वापिस फिर आएं,
अपने भारत को विश्व शिखर तक ले जाएं.
मो 7999469175
प्रेरक, अनुकरणीय 💐
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