ad

काव्य : क्या है यह जिंदगी - रमाकांत सोनी सुदर्शन नवलगढ़


 काव्य : 

 क्या है यह जिंदगी


लब जब मुस्कुराये अधरो पे मुस्कान छाए। 

दिलों की धड़कने भी गीत कोई गुनगुनाए।

क्या है यह जिंदगी


चेहरे खिल जाए अपना कोई मिल जाए।

मन में उमंगे छाए उमड़ घुमड़ भाव आए। 

क्या है यह जिंदगी


मन का चमन महके घर आंगन खिल जाए। 

रिश्तो में प्यार घुले हंस हंसके सब बतलाए।

क्या है यह जिंदगी


गीत कोई प्यारा लगे जब संगीत सुहाना लगे। 

अपनो की महफिल में प्यारा अफसाना लगे।

क्या है यह जिंदगी


आंधी में तूफानों में सुहानी राहों में वीराने में। 

हौसला हिम्मत से बुलंदियां मिलती झोली में। 

क्या है यह जिंदगी


 - रमाकांत सोनी सुदर्शन

नवलगढ़ जिला झुंझुनू राजस्थान


देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा युवा प्रवर्तक के प्रधान सम्पादक है। साथ ही साहित्यिक पत्रिका मानसरोवर एवं स्वर्ण विहार के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है। Click to More Detail About Editor Devendra soni

Post a Comment

Previous Post Next Post