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प्रभात साहित्य परिषद भोपाल की काव्य गोष्ठी संपन्न



प्रभात  साहित्य परिषद भोपाल की  काव्य गोष्ठी संपन्न

  भोपाल । राजधानी की चर्चित संस्था प्रभात साहित्य परिषद द्वारा *कोई कमी न थी* विषय पर काव्य गोष्ठी का आयोजन हिंदी भवन के नरेश मेहता कक्ष में साहित्य मर्मज्ञ राजेंद्र शर्मा "अक्षर" की अध्यक्षता में एवं ओज के चर्चित कवि चौधरी मदन  मोहन "समर" के मुख्य आतिथ्य में तथा वरिष्ठ कवि अशोक धमेनियाँ के विशेष आतिथ्य में एवं ओज के ससक्त कवि डॉ.अनिल शर्मा "मयंक" के संचालन में किया गया। 

               इस अवसर पर शफी लोदी रतलामी को *ग़ज़ल* के लिए एवम सुनील कौरव "प्रवाह" को *रचना* के लिए *सरस्वती प्रभा सम्मान* से अलंकृत किया गया। 

            तदुपरांत कोई कमी न थी विषय पर रमेश नन्द ने पढ़ा " कुदरत की चित्रकारी में कोई कमी न थी। थी पास अपने आँखें मगर रोशनी न थी। वही चौधरी मदन मोहन" समर "ने पढ़ा,_ कुछ इस तरह हंसा श्मशान कल,गम तो था वहां,पर कोई गमी न थी। वहीं राजेन्द्र शर्मा" अक्षर" ने पढ़ा _ खाने को किसी चीज की कोई कमी न थी, फिर भी गरीब भैंस का चारा वो खा गया।वहीं डा.अनिल शर्मा "मयंक" ने पढ़ा _ एक तेरे बिना जिन्दगी में कोई कमी न थी,कह दूं कैसे कि ये बात सही न थी।वहीं रेणु गोस्वामी ने पढ़ा _ निस्वार्थ प्यार में कोई कमी न थी, रोनके बहार में कोई कमी न थी।। वहीं  मो. ताहा अल हुसैनी ने पढ़ा _ मुझको किसी भी बात की कोई कमी न थी,पर जिंदगी तेरे बगैर जिंदगी न थी। वहीं प्रदीप कश्यप ने पढ़ा _ गहरे थे जख्म दर्द में कोई कमी न थी,हमने सुखों की चाह भी दिल में रखी न थी।। वहीं अशोक धमेनियां ने पढ़ा _ मैं बसंत सा लगता हूं तुमको, किन्तु स्वयं में,मैं पतझड़ हूं,मैं तो न कवि हूं,न लेखक हूं,भावों का बहता निर्झर हूं।।  गोष्ठी में प्रेम शीला सिंह, डा सीमा  अग्रवाल,रेणु गोस्वामी,वीणा विद्या गुप्ता,नीरज दुबे,दीप्ति मेहता,के पी गुप्ता ,मंजू मिश्रा,बिहारीलाल सोनी,अवनींद्र खरे अंशुमान,उमेश गर्ग अग्रोही, डा बलप्रदा श्रीवास्तव,वीरेंद्र श्रीवास्तव,शोभा जोशी,अक्षय श्रीवास्तव,कनुप्रदा श्रीवास्तव ,शिवराज सिंह ,राजेश तिवारी,चंद्रभान चन्दर,हरिओम सोनी आदि ने भाग लिया। अन्त में रमेश नन्द ने सभी का  औपचारिक आभार व्यक्त किया।

प्रांतीय सचिव 

डा.अनिल शर्मा" मयंक "

 प्रभात साहित्य परिषद 

भोपाल 

Mob. No. 9826739015

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा युवा प्रवर्तक के प्रधान सम्पादक है। साथ ही साहित्यिक पत्रिका मानसरोवर एवं स्वर्ण विहार के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है। Click to More Detail About Editor Devendra soni

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