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काव्य : है नमन तुमको सिपाही -डॉ ब्रजभूषण मिश्र,भोपाल


 काव्य : 

है नमन तुमको सिपाही


सीमाएँ तुमसे नित रक्षित

जीवन तुम्हारा है देश हित

सतर्क,सजग,प्रति दिन ही तुम

कर्तव्य करते तुम अनुशासित


है नमन तुमको सिपाही

तुमसे है ऊंचा देश- शिखर

तुम से जन हैं,रहते बेफिकर

 रक्त में तुम्हारे ये देश है

मृत्यु ही शत्रु को संदेश है



है नमन तुमको सिपाही

वीरता का श्रृंगार तुम हो

दुष्ट शत्रु को अंगार तुम हो

भेद देते लक्ष्य  को तुम

विजय का,पुष्प हार तुम हो


है नमन तुमको सिपाही

बलिदान की लिखते हो गाथा

गर्वोन्नत रहता,तव माथा

धैर्य भी बल है तुम्हारा

राष्ट्र का तुम ही सहारा


है नमन तुमको सिपाही

 विजय का उपहार तुम से

कारगिल का पुष्पहार तुमसे

तुम बसते  देश के दिल में

गलवान और कारगिल में


है नमन तुमको सिपाही

हो शौर्य,पराक्रम की कहानी

तन,मन से हो तुम बलिदानी

है कारगिल की विजय तुमसे

ब्रज,भारत देश की जय है तुमसे


- डॉ ब्रजभूषण मिश्र,भोपाल

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा युवा प्रवर्तक के प्रधान सम्पादक है। साथ ही साहित्यिक पत्रिका मानसरोवर एवं स्वर्ण विहार के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है। Click to More Detail About Editor Devendra soni

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