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अपनी बुंदेली आरिणी काव्यगोष्ठी संपन्न


 अपनी बुंदेली आरिणी काव्यगोष्ठी संपन्न 

भोपाल । आरिणी चैरिटेबल फाउंडेशन ने अपनी बुंदेली काव्यगोष्ठी का सुरभि परिसर में आयोजन किया। अध्यक्ष रहे श्री हरिवल्लभ शर्मा 'हरि' जी एवं मुख्य अतिथि थे श्री हरि ऊँ श्रीवास्तव जी। कार्यक्रम का बुंदेली में सरस संचालन किया डॉ रेणु खरे ने और बुंदेली में ही सरस्वती वंदना प्रस्तुत की श्रीमती हंसा श्रीवास्तव ने। कार्यक्रम के अंत में आभार आरिणी चैरिटेबल फाउंडेशन की अध्यक्ष डॉ मीनू पांडेय ने प्रकट किया। कार्यक्रम में एक से बढ़कर एक छंदबद्ध रचनाएं बुंदेली में प्रस्तुत की गयीं। जो इस प्रकार हैं :


"सबसे नौनी भाषा अपनी लगे हमें बुंदेली, बोलचाल में इत्ती मीठी, ज्यों मिश्री की ठेली"

        श्री हरि ऊँ श्रीवास्तव

एवं 


"एक दिना काॅलेज में लड़े एक सें नैंन, बड़ा गयी बा धुकधुकी, मांग लै गयी पैन "

           श्री हरि ऊँ श्रीवास्तव


"मनावे सें एकऊ नैं मानी, जै बउआ काये रिसानी"

           श्री हरिवल्लभ शर्मा


" सुख सें हमें परन नईं दे रये, पैसा घरे धरन नयीं दै रये"

              श्री सुरेश पटवा 


" जय जय भारत देश है प्यारा, हमको यह प्राणों से प्यारा" 

         दिनेश गुप्ता मकरंद 


"पत्थर सौ जिगर रखतो मोरे देश को जवान। फौलाद सो बनो है, मोरे देश को जवान।" 

               हंसा श्रीवास्तव 'हंसा' 


" पराधीनता देखी जिनने वे जानते आजादी, न समझौ तुम खेल, कै उनने हँस कें जान गंवा दई" 

              सीमा हरि शर्मा 


"अंग्रेज़न ने करी मनमानी, लक्ष्मीबाई ने एक नै मानी"

जैसई बिन ने करो प्रहार, झाँसी ने भरलई हूंकार"  

                       डॉ रंजना शर्मा 


" चली गौरी बुडकी खों, ट्रेक्टर में बैठ कें। संंग में लडेर लयें, बैठीं है ऐंठ कें।" 

               डॉ रेणु श्रीवास्तव खरे 


"सूरज ऊँग रओ देरी सें, देरी से हो रयी भुनसार"  

               डॉ मीनू पांडेय नयन

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देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा युवा प्रवर्तक के प्रधान सम्पादक है। साथ ही साहित्यिक पत्रिका मानसरोवर एवं स्वर्ण विहार के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है। Click to More Detail About Editor Devendra soni

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