साहित्यकार: साहित्यकार, संपादक प्रो. अर्जुनदास खत्री नहीं रहे
भोपाल साहित्य जगत के सुप्रसिद्ध साहित्यकार प्रो. अर्जुनदास खत्री का विगत 28 अप्रैल 2025 को सायंकाल दिल्ली में देहांत हो गया। वे लगभग 76 वर्ष के थे। वे अपने पीछे पत्नी, एक पुत्र एवं एक पुत्री का भरा पूरा परिवार छोड़कर गए हैं।
स्व. श्री खत्री जी लंबे समय से कैंसर से युद्ध कर रहे थे और वे बड़ी जीवटता के साथ यह लड़ाई लड़ रहे थे। उन्होंने अपनी दो पुस्तकें "कैंसर से कैंसर तक संघर्ष" एवं "कुछ अपनी कुछ जग की" इसी बीमारी की अवधि में लिखी।
ज्ञातव्य हो कि कई वर्षों पूर्व जीवन में एक बार वे कैंसर को हराकर पूर्ण स्वस्थ हो चुके थे, परंतु इस बार कैंसर ने उन्हें हरा दिया। सौम्य स्वभाव, अदम्य जिजीविषा के धनी एवं प्रखर साहित्यकार श्री खत्री जी का जन्म: 22/06/1949 कानपुर, उत्तर प्रदेश, में हुआ था। आप रसायन शास्त्र के सहायक प्राध्यापक, प्राध्यापक, प्राचार्य रहे एवं उच्च शिक्षा विभाग मध्य प्रदेश शासन के विभिन्न महाविद्यालयों में अध्यापन कार्य किया। 2008 में प्राचार्य शासकीय चंद्र शेखर आजाद अग्रणी स्नातकोत्तर महाविद्यालय, सीहोर (मध्य प्रदेश) पद से स्वैच्छिक सेवा निवृत्त हुए।
आप द्विमासिक पत्रिका "रजतपथ" के संपादक थे। लेखक, चिंतक, साहित्यकार श्री खत्री जी ने जीवनी, कविता, कहानी, लघुकथा, संस्मरण, यात्रा-संस्मरण आदि लिखे उनके लेखन विषयः धर्म-दर्शन, शिक्षा, इतिहास, समाज, राजनीति, अर्थ, कानून और व्यवहार, मनोविज्ञान आदि के सामयिक विषयों का विश्लेषणात्मक लेखन तथा साहित्यिक रचनाएं थे। उनका यूट्यूब चैनेल: Dr. ARJUN DASS KHATRI/Professor Khatri भी चर्चित है। उनकी प्रकाशित पुस्तकेंः मध्य प्रदेश हिन्दी ग्रंथ अकादमी भोपाल से प्रकाशित 1. प्रायोगिक रसायन (बीएस-सी तृतीय वर्ष) (2006 से सामयिक संशोधनों के साथ निरंतर)
2. विश्व विख्यात व्यक्तित्व (2015) (विश्व के 20 विख्यात पुरुषों की जीवनियां) धार्मिक पुस्तकेंः 'दुर्गा-महिमा' (काव्य), 'भगवती गाथा, 'वंदनाएँ और भक्ति गीत', 'भगवान विष्णु के अवतार', 'भगवान सत्य नारायण जी की कथा' बाल काव्य 'अनय हमारा' तथा 'मैं छोटा सा प्यारा बच्चा'। काव्य रचनाएं: 'आओ जानें अपना आहार' तथा 'क्या खोया क्या पाया' (राष्ट्रीय कविताएं), जहाँ चाह वहाँ राह (सामाजिक कविताएं), सिख धर्म के दस महान गुरु (जीवनी) वे अनेकों महत्वपूर्ण सम्मानों से सम्मानित थे।
सर्वश्री रघुनंदन शर्मा, कैलाशचंद्र पंत, गोकुल सोनी, सुरेश पटवा, चंद्रभान राही, वी के श्रीवास्तव, पुरुषोत्तम तिवारी साहित्यार्थी, करुणा राजुरकर, आर आर बामनकर, बिहारीलाल सोनी, आनंद मोहन तिवारी, शिवांश सरल, कांता रॉय, घनश्याम मैथिल, डॉ राजेश श्रीवास्तव, डॉ संजय सक्सेना, अनीता सक्सेना, डॉ मीनू पांडेय नयन, रमेश नंद, डॉ अनिल शर्मा मयंक, चरणजीत सिंह कुकरेजा, यतींद्रनाथ राही, ममता वाजपेई, किशन तिवारी, मनोज गुप्ता और भोपाल के सभी साहित्यकार बंधु ने कवि समुदाय भोपाल और भोपाल की सभी साहित्यिक संस्थाओं की ओर से विनम्र श्रद्धांजलिअर्पित की।
गोकुल सोनी, भोपाल
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