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भारत देश हिंदुओं का देश है, सनातन ही हमारी पोशाक है: मानस मणि


 भारत देश हिंदुओं का देश है, सनातन ही हमारी पोशाक है: मानस मणि 

श्रीराम जन्म महोत्सव अंतर्गत श्रीराम कथा का तृतीय दिवस

इटारसी। भारत देश, हिंदुओं का देश है और यहां जितने मनुष्य हैं सब हिंदू हैं। सनातन धर्म ही हम सबकी पोशाक है। आईए मिलकर हम सब धूमधाम से हमारे प्रभु का जन्मदिवस श्री रामनवमी मनाएं। उक्त उद्गार चित्रकूट धाम से पधारे पूज्य आचार्य महेंद्र मिश्र मानस मणि ने श्री द्वारकाधीश बड़ा मंदिर तुलसी चौक परिसर में श्री राम जन्म महोत्सव समिति द्वारा 62वें वर्ष में आयोजित श्रीराम कथा के तृतीय दिवस पर मंगलवार को व्यक्त किया। 

तृतीय दिवस की कथा में पूज्य मानसमणि महाराज ने समस्त क्षेत्र वासियों को संदेश देते हुए कहा कि हमारा सनातन वह धर्म है जो श्रद्धा एवं विश्वास से बना हुआ है और जहां श्रद्धा विश्वास है वही रामकथा का निर्माण होता है। 

श्रीराम कथा का श्रवण करने पधारे बड़ी संख्या में नागरिकों से भरे द्वारकाधीश मंदिर परिसर में मंगलवार को व्यासपीठ पर विराजे आचार्य श्री का आयोजन समिति अध्यक्ष डॉ नीरज जैन, कार्यकारी अध्यक्ष विपिन चांडक, सचिव अभिषेक तिवारी, उपाध्यक्ष विष्णु शंकर पांडे, कोषाध्यक्ष प्रकाश मिश्रा, सहकोषाध्यक्ष अमित सेठ, प्रवक्ता भूपेंद्र विश्वकर्मा, हिमांशु बाबू अग्रवाल, मंदिर समिति के प्रबंधक दिनेश सैनी सहित रोहित बावेजा, शैलेंद्र दुबे, नवनीत कोहली, बंगाली समाज के अध्यक्ष पं नेपाल चक्रवर्ती, सचिव कल्याणी घोष एवं साथी, पुरानी इटारसी महिला मंडल से बबीता चौहान एवं सदस्य, सूरजगंज मंडल से सीमा पांडे एवं साथी, यादव समाज के अध्यक्ष आर के यादव, फूलचंद यादव, संतोष यादव, लीलाधर नामदेव, गणेश पांडे के साथ अन्य एवं समिति सदस्यों ने पूजन एवं स्वागत किया।

सोमवार को कथा को विस्तार देते हुए कथाव्यास मानसमणि ने प्रजापति दक्ष के प्रसंग को कहते हुए कहा कि दक्ष के पास पद और प्रतिष्ठा थी। परंतु वह उसे संभाल नहीं पाए। इसलिए पद प्रतिष्ठा मिलने के बाद समस्त व्यक्तियों को सावधान रहना चाहिए, क्योंकि प्रभुता का अहंकार जीवन में एक विनाश का कारण बन जाता है। इसलिए राजा दक्ष को महादेव के द्वारा मस्तक काटा गया। इसी के साथ महाराज श्री ने माता पार्वती और भगवान शंकर के संवाद का वर्णन किया। 

प्रवचन में हारमोनियम एवं गायन पर कमलेश द्विवेदी, तबले पर विपिन त्रिवेदी, ऑक्टोपैड पर प्रकाश जी, मंदारि पर रज्जन जी एवं आशीष जी ने सहयोगी के रूप में भजनों की आकर्षक प्रस्तुतियां दी।



देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा युवा प्रवर्तक के प्रधान सम्पादक है। साथ ही साहित्यिक पत्रिका मानसरोवर एवं स्वर्ण विहार के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है। Click to More Detail About Editor Devendra soni

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