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काव्य चौपाल में बही कविताओं की धारा


 

काव्य चौपाल में बही कविताओं की धारा 

भोपाल । अंतरराष्ट्रीय विश्व मैत्री मंच की मध्य प्रदेश इकाई के द्वारा मासिक गोष्टी काव्य चौपाल का आयोजन  प्रीत एक्या फाउंडेशन सभागार में किया गया।

कार्यक्रम में कवियों द्वारा सुनाई विभिन्न विषयों पर कविताओं की धारा का आनंद सभी ने लिया। 

कान्ता रॉय ने स्त्री सुनो,

तुम फूल सी कोमल /

कपास सी हल्की /बनी रहना/

हम तुम्हारे लिए/ 

प्रशंसा में गीत/

और गजल लिखेंगे/

     

     गोकुल सोनी ने पढ़ा

वक्त के साथ तुमने जो बदला है रंग/

मैं बदल जाऊं इतना, ये मुमकिन नहीं/

वास्ते स्वार्थ के छोडूं अपनों का संग/

मैं बहक जाऊं इतना ये मुमकिन नहीं।/

जया केतकी ने पीले पीले फूलों के संग/

महक रहा मन क्या कीजे/

धानी चूनर ओढ़ के नाचूँ/

मचल रहा मन क्या कीजे।

रानी सुमिता ने अक्सर चकित ताकती हूँ /

उन सभी जामों को/

जो आ जमते हैं /सीधी चलने की कोशिश 

करते जीवन में !

बाहर से कसते जाम/

आ बसते हैं मन के हर कोण में।

मनोरमा पंत ने

घर ईट गारे की चहारदीवारी 

नहीं होता/

उसका भी दिल होता है /

धड़कता दिल 

जो कभी बूढी नहीं होता/ 

वह दिल है घर की माँ।

मुजफ्फर सिद्दीकी ने अभी तो दोस्ती नई-नई है/

अभी-अभी तो शुरू हुई है/

अभी - अभी हमसफर बने हैं/

अभी तो चलना है साथ हमको।

 राजश्री रावत ने  हर जगह पर है छिपे जयचंद /अब कैसे बचे/ हो गए हैं मुंह सभी के बंद / अब कैसे बचे।  किस कदर इंसानियत पर आज बरपा है कहर/ दम घुटा जाता है सांसे बंद अब कैसे बचें

 मधुलिका सक्सेना ने

एक बूढी काकी आती थी 

एक थैला संग में लाती थी

विनीता राहुरीकर ने मैं तुम्हें वहीं मिलूँगी/जहाँ ढ़लते सूरज की लालिमा/ 

शाम की बाहों में घिरती है/

जहाँ ढ़लती शाम मदहोश हो

सूरज का प्याला पीती है/

चंदा पालिवाल ने प्रकृति का ना तुम दोहन करो 

इन्हें थोड़ा और तो बढ़ने दो 

इन्हें थोड़ा और तो संभलने दो.....!!

शेफालिका श्रीवास्तव ने

 चले सिपाही झूम के/

संगीनों को चूम के/ 

एक हाथ में मौत शत्रु की/

सिर पर रण की पाग बंधी/ 

रण दूल्हों की साध अधूरी पगी पगी ।

अंत में संतोष श्रीवास्तव ने अपनी गजल सुनाई 

 खुश्क पत्ते हो तो हर शाख गिरा देती है 

हो बुरा वक्त तो दुनिया भी भुला देती है।

वरिष्ठ लेखक तेजपाल जी के व्यंग्य संग्रह ठेला मेरा खटारा का लोकार्पण किया गया।

कार्यक्रम का संचालन विनीता राहुरीकर ने किया। इस अनौपचारिक गोष्ठी में संस्था के महासचिव मुजफ्फर इकबाल सिद्दीकी एवं जया आर्य जी का जन्मदिन भी मनाया गया। जया आर्य जी के सुमधुर गीतों से सभागार गूंज उठा।

कार्यक्रम में शहर के 25 से अधिक कवियों ने एवं अनेक श्रोताओं ने भाग लिया।


श्रीमती संतोष श्रीवास्तव

अध्यक्ष , विश्व मैत्री मंच

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा युवा प्रवर्तक के प्रधान सम्पादक है। साथ ही साहित्यिक पत्रिका मानसरोवर एवं स्वर्ण विहार के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है। Click to More Detail About Editor Devendra soni

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