उन्मुक्त उड़ान मंच पर साहित्य और समाज को जोड़ते हुए कई महत्वपूर्ण विषयों पर अनेक रचनाकारों ने विचार विमर्श प्रस्तुत किया
आजमगढ़ । उन्मुक्त उड़ान मंच ने इस सप्ताह साहित्य और समाज को जोड़ते हुए कई महत्वपूर्ण विषयों पर रचनात्मक विमर्श प्रस्तुत किया। मंच की अध्यक्षा डॉ. दवीना अमर ठकराल 'देविका' के मार्गदर्शन में विविध साहित्यिक विधाओं में रचनाकारों ने अपनी प्रतिभा का परिचय दिया। सप्ताह की शुरुआत ‘मधु’ विषय पर जलहरण घनाक्षरी विधा में हुई, जिसमें माधुरी शुक्ला के संयोजन में 22 रचनाकारों ने गीतात्मक वीडियो प्रस्तुतियाँ दीं। 21 मई को आतंकवाद विरोधी दिवस के अवसर पर डॉ. अनीता राजपाल ‘वसुंधरा’ के संयोजन में “आतंक का हो अंत” विषय पर 42 रचनाकारों ने काव्य की विभिन्न विधाओं में अपनी रचनाएँ प्रस्तुत कीं। सुमन किमोठी 'वसुधा' के स्वैच्छिक विषय प्रवर्तन के अंतर्गत 53 रचनाकारों की स्वतःस्फूर्त रचनाएँ मंच पर रचनात्मक विविधता का प्रमाण बनीं। इन सभी गतिविधियों ने साहित्यिक अभिव्यक्ति को सामाजिक सरोकारों से जोड़ा और मंच को एक सशक्त संवाद का माध्यम बनाया।
सप्ताह का विशेष आकर्षण शिखा खुराना कुमुदिनी द्वारा प्रस्तुत समसामयिक विषय "बढ़ती गर्मी और गरीबी की दोहरी मार – झोपड़पट्टी पर बुलडोज़र चलाना कितना उचित?" रहा। इस विषय पर देशभर के रचनाकारों ने गहरी संवेदनाओं और विविध दृष्टिकोणों से अपनी रचनाएँ प्रस्तुत कीं। कई लेखकों ने झुग्गियों को हटाने की प्रक्रिया को अमानवीय और असंवैधानिक बताया, तो कुछ ने प्रशासनिक असमंजस को रेखांकित करते हुए वैकल्पिक व्यवस्था पर बल दिया। विचारों में गरीबों के स्वाभिमान, जीवन संघर्ष और मूलभूत अधिकारों की आवश्यकता का गहन चित्रण हुआ। स्वर्ण लता सोन ‘कोकिला’,सुरेश चंद्र जोशी ‘सहयोगी’,अशोक दोशी 'दिवाकर', संजीव भटनागर 'सजग', डॉ. अनीता 'वसुंधरा', दिव्या भट्ट ‘स्वयं', नीरजा शर्मा 'अवनि' समेत अनेक रचनाकारों ने संवेदनशील प्रश्न उठाए और व्यावहारिक समाधान सुझाए। मंच की अभिकल्पना प्रभारी नीरजा शर्मा ‘अवनि’, रचनात्मक सहयोगी नीतू रवि गर्ग ‘कमलिनी’, सुनील भारती आज़ाद ‘सौरभ’ और मीडिया प्रभारी कृष्णकांत मिश्रा के प्रयासों से साहित्य का यह विमर्श व्यापक जनचेतना का वाहक बन सका। उन्मुक्त उड़ान मंच ने एक बार फिर यह सिद्ध किया कि साहित्य केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि सामाजिक बदलाव का सशक्त माध्यम भी है।
मंच की संस्थापिका व अध्यक्षा डॉ दवीना अमर ठकराल ने आयोजन का समापन करते हुए कहा कि उन्मुक्त उड़ान मंच कर्मठ कार्यकारणी के सहयोग, विद्वत रचनाकारों की अनवरत सहभागिता से नवोन्मेषी आयोजनों के लिए प्रतिबद्धित है।
.jpg)
