ad

गांधी मैदान बना हॉकी की नर्सरी, तैयार हो रही खिलाडिय़ों की नन्हीं पौध.


 गांधी मैदान बना हॉकी की नर्सरी, तैयार हो रही खिलाडिय़ों की नन्हीं पौध.

इटारसी। नगर का गांधी मैदान हॉकी की नर्सरी बना हुआ है। यहां वैसे तो हॉकी फीडर सेंटर होने से यहां सालभर हॉकी का प्रशिक्षण चलता है, लेकिन ग्रीष्मकाल में बच्चों की संख्या अन्य दिनों की अपेक्षा लगभग दोगुनी हो जाती है। इन दिनों यही नजारा है। यहां कुशल हाथों में हॉकी की नन्हीं पौध तैयार हो रही है जो आगे चलकर एक मजबूत वृक्ष बनकर इस खेल में नगर का नाम रोशन करेगी।
ग्रीष्मकालीन शिविर में बच्चे हॉकी सीख रहे हैं। उन्हें इस खेल के नियम, तकनीक और रणनीति के बारे में जानकारी दी जा रही है, साथ ही उन्हें हॉकी खेलने का अभ्यास करने का अवसर भी मिल रहा है। यह उन्हें हॉकी में कौशल विकसित करने और इस खेल के प्रति रुचि जगाने में मदद कर रहा है।
क्या सिखाया जा रहा है
शिविरों में बच्चों को हॉकी के विभिन्न कौशल जैसे कि स्टिक हैंडलिंग, पासिंग, शूटिंग और ड्रेबिंग सिखाया जाता है। खेल का ज्ञान बढ़ाने के लिए उन्हें हॉकी के नियमों और रणनीति के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की जा रही है, जिससे वे खेल को बेहतर ढंग से समझ सकते हैं।
टीम वर्क और आत्मविश्वास
शिविरों में एक साथ बड़ी संख्या में रहकर बच्चे टीम में खेलने का अनुभव प्राप्त करते हैं, जो उन्हें टीम वर्क और सहयोग के महत्व को समझने में मदद करता है। हॉकी सीखने से बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ता है और वे अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्रेरित होते हैं।  शिविरों में बच्चों को हॉकी खेलने का आनंद मिलता है और वे खेल के प्रति अपनी रुचि को बनाए रखते हैं।
अनुभवी कोच दे रहे ज्ञान
शिविर में अनुभवी कोच हैं जो बच्चों को हॉकी सिखा रहे हैं और उन्हें मार्गदर्शन दे रहे हैं। बच्चों को हॉकी खेलने के लिए आवश्यक उपकरण जैसे कि स्टिक, पैड और अन्य सामग्री का उपयोग सिखाया जा रहा है, ये शिविर बच्चों को ग्रीष्म अवकाश के दौरान हॉकी सिखाने में मदद कर रहा है। करीब एक माह के शिविर में बच्चे एक साथ रहकर हॉकी का अभ्यास कर रहे हैं, जिससे हॉकी सीखने और इस खेल के प्रति रुचि जगाने का एक शानदार अवसर है।
ये दे रहे कोचिंग
कन्हैया गुरयानी, मयंक जेम्स, साहिल चौरे, श्वेतांक जेम्स, शॉन गिडियन, विशाल तोमर, गीत सिंह ठाकुर।
 
देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा युवा प्रवर्तक के प्रधान सम्पादक है। साथ ही साहित्यिक पत्रिका मानसरोवर एवं स्वर्ण विहार के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है। Click to More Detail About Editor Devendra soni

Post a Comment

Previous Post Next Post