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अनुभव ही सबसे बड़ा शिक्षक है -डॉ ब्रजभूषण मिश्र , भोपाल


 अनुभव ही सबसे बड़ा शिक्षक है

        यह सत्य है कि अनुभव,समय गुजरने, सफलताओं,असफलताओं का सामना करने, खट्टी,मीठी यादों और कड़वाहट से रूबरू होने के बाद जिन्दगी में खरे सोने के जैसा सभी को प्राप्त होता है।

उम्र बीतने के साथ हमारी आवश्यकताएं और मान्यताएं बदल जाती हैं और हमें परिपक्वता की ओर अग्रसर करती हैं,यह सब अनुभव ही है।ये हमे सीख देता है,एक मंजे हुए, ज्ञानी शिक्षक की भांति।

कहते हैं न कि ये बाल धूप में नहीं पके,ये सत्य है,परिपक्वता समय बीतने पर आती है और हम पाते हैं कि जिस रास्ते हम चलते रहे,वह हमे बदलने की आवश्यकता है।

हम पाते हैं कि स्कूल ,कॉलेज में जो बहुत अच्छे विद्यार्थी नहीं भी थे,उन्होंने जीवन में असफलताओं के अनुभव से बहुत सबक लिया और नए मार्ग चुने,सतत अपने रुचि अनुसार कदम बढ़ाए,अधिक पढ़ाई की,या ईमानदारी से श्रम किया और फिर जीवन में अच्छे शिखर छुए,कोई वरिष्ठ अधिकारी बना,कोई व्यवसायी ,कोई खिलाड़ी,कोई नेता,कोई अभिनेता,कोई चित्रकला में दक्ष,कोई संगीत में,कोई गीत में दक्ष और कोई खेल में।कहने का तात्पर्य उन्हें अनुभव ने सिखाया कि उनका कार्य क्षेत्र क्या होना चाहिए।

अनुभव से आभा बढ़े, अनुभव देता ज्ञान 

अनुभव एक दिन दे जाता,जीवन में पहचान


 - डॉ ब्रजभूषण मिश्र , भोपाल

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा युवा प्रवर्तक के प्रधान सम्पादक है। साथ ही साहित्यिक पत्रिका मानसरोवर एवं स्वर्ण विहार के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है। Click to More Detail About Editor Devendra soni

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