मानव जीवन उन्नति के लिए गुरु कृपा के साथ आत्म कृपा भी आवश्यक -भागवत प्रवक्ता पंडित श्री दवे
स्वामी सत्यमित्रानन्द गिरिजी महाराज षष्ठम पुण्यतिथि पर्व मनाया - सामुहिक आरती पूजन हुआ
मंदसौर से डॉ घनश्याम बटवाल की रिपोर्ट
मन्दसौर । ब्रह्मलीन निवर्तमान जगद्गुरु शंकराचार्य भारत माता मंदिर संस्थापक महामंडलेश्वर पुज्य स्वामी श्री सत्यमित्रानंद गिरी महाराज की षष्ठम पुण्यतिथि पर समन्वय परिवार मंदसौर शाखा के तत्वावधान में सामुहिक पादुका पूजन, सामुहिक प्रार्थना एवं श्रद्धांजलि अर्पित की गयी।
पू.गुरुदेव की पुण्यतिथि प्रतिवर्षानुसार अपना घर मन्दसौर सीतामऊ फाटक की बालिकाओं को कार्यक्रम में सहभागी बनाते हुए मनाई गई ।
इस अवसर पर विद्वान भागवत प्रवक्ता पंडित श्री ओमप्रकाश दवे द्वारा पुज्य स्वामीजी के सेवा प्रकल्पों, जीवन के बारे एवं प्रत्येक मानव के लिए गुरु दीक्षा के महत्व पर शास्त्रोक्त चर्चा की ।
पंडित श्री दवे ने धर्म सभा में उपस्थित अपना घर बालिकाओं एवं श्रद्धालुओं से कहा कि जीवन उन्नति के लिये भगवत्कृपा, शास्त्रकृपा , गुरुकृपा के साथ आत्मकृपा भी आवश्यक है यह आत्मविश्वास और मनोबल को बढ़ाने वाले हैं ।
आपने कहा नर सेवा ही नारायण सेवा है इसलिए जीवन में सेवा का बहुत महत्व होता इसे जीवन में उतारें ।
कार्यक्रम में श्री रमेशचंद सेनी, श्रीरमेशदत्त शर्मा,श्री शुभम गौड़, डॉक्टर दिनेश तिवारी, श्रीमती गीतांजलि गौड़, श्रीमती ज्योति सेनी,श्रीमती हेमलता सोनी, श्रीबंशीलाल टाँक (पतंजली योगगुरु) एवं अपना घर की समस्त बालिकाओं सहित अन्य की उपस्थिति रही।
समन्वय परिवार उपाध्यक्ष डॉक्टर घनश्याम बटवाल, दिलीप कुमार गौड़, गोपाल त्रिवेदी, रमेशचंद्र सेनी, रमेशदत्त शर्मा द्वारा विद्वान भागवत प्रवक्ता पंडित श्री ओमप्रकाश दवे का शाल श्रीफल भेंट कर सम्मान किया।
पुज्य स्वामीजी पुण्यतिथि कार्यक्रम श्री दिलीप कुमार गौड़, श्री गोपाल त्रिवेदी के निर्देशन में सम्पन्न हुआ संचालन डॉ दिनेश तिवारी ने ओर अन्त में समन्वय परिवार उपाध्यक्ष डॉ घनश्याम बटवाल ने आभार व्यक्त किया । सामुहिक पूजन आरती प्रार्थना के बाद अपना घर बालिकाओं को भोजन प्रसाद कराया गया ।