काव्य :
कोटि नयन अश्रु से सिंचित..
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इंजी. अरुण कुमार जैन
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खुली हवा में सांस ले रहे, उनका हमपर उपकार है,
मातृभूमि पर बलिदान हुये जो, वे ही प्रभु अवतार हैं.
वंदे भारतम.. 2
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रानी झाँसी निकल पड़ी थीं, मात्र तेइस की उम्र में,
प्राण न्यौछावर करके अपने,
पूज्य बनी थीं युद्ध में.
भगत सिंह,सुखदेव, राजगुरु, फाँसी फंदा चूम लिए,
हत्यारे का वध करके वे, मातृभूमि हित अमर हुये.
चंद्रशेखर आजाद प्रयाग की
भूमि पर बलिदान हुये,
नहीं झुके पापी के आगे,
नयी चेतना जगा गये.
खून मुझे दो, आजादी लो,
नेताजी ने बोला था,
देशप्रेम का पावन निरझर, हरेक ह्रदय में खोला था.
वंदे भारतम,.. 2
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बलिदान हो गये कई सैकड़ों,
जालियाँवाला बाग में,
डायर पापी ने मरवाया,
हमें यों झोंका आग में.
सावरकर जी कालापानी में,
कोल्हू से पिसते थे, हमें सुखद कल देने खातिर,
जुल्मो सितम को सहते थे.
नहीं सैकड़ों,लाखों पुत्र, बहिन, माता बलिदान हुये,
आँसू, पीड़ा, गहन वेदना, वर्षों तक वे सहन किये.
पापी के अत्याचारों से, नहीं डरे संकल्प लिए,
शीश कटाकर भारत माँ की जय जय कहकर प्राण दिए.
वंदे भारतम... 2
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टुकड़े टुकड़े कर वीरों को, निर्ममता से मारा था,
अंग भंग कर पापी ने,
घावों पर नमक लगाया था.
आँखें फोड़ी,गर्दन काँटी, जलते शोलों पर डाल दिया,
माता बहिनों से बलात्कार,
निर्मम अत्याचार हुआ.
कितनीश्रद्धा उनको देश पर,
मर कर उन सबने बता दिया.
बंदे भारतम... 2
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इन सबके बलिदानों से ही,
स्वतंत्रता का सुमन खिला, वर्ष पिचहतर बीत चुके हैं,
हमको राज सुराज मिला,
हर सुविधा है आज देश में,
घर, भोजन, आराम है,
वाहन,शिक्षा,स्वास्थ्य सभी को, चेहरों पर मुस्कान है,
मतभूलो उनके बलिदानों से,
सुख हमने पाया है,
कोटि नयन अश्रु से सिंचित,
हर नव सुमन हमारा है.
श्रम, निष्ठा, कर्तव्य निर्वहन,
कर हम आगे जायेंगे,
भरत के भारत को हम फिर से विश्व शिखर पर लाएंगे.
वंदे भारतम, वंदे भारतम.
वंदे भारतम.. 2
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संपर्क//अमृता हॉस्पिटल, सेक्टर 88,फ़रीदाबाद, हरियाणा,. मो. 7999469175
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Jay hind jay bharat 🙏🏻 bahut hi sundar , naman hai sir aapko
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