संगीत सरिता में देशभक्ति पूर्ण गीतों का सरस कार्यक्रम - गूंजे आजादी के तराने
स्वतंत्रता दिवस पूर्व संध्या पर हुआ आयोजन
युवा प्रवर्तक मंदसौर
मन्दसौर। संगीत सरिता सीजन-5 की संगीत संध्या का आयोजन अग्रसेन नगर के राठौर सभागृह में स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर संपन्न हुआ ।
कृषि वैज्ञानिक एवं उद्योगपति श्री नरेन्द्रसिंह सिपानी के मुख्य आतिथ्य, जनपरिषद अध्यक्ष एवं वरिष्ठ पत्रकार डॉ. घनश्याम बटवाल व ब्रजेश जोशी के विशेष आतिथ्य एवं मानव अधिकार आयोग मित्र डॉ. के.एल. राठौर की अध्यक्षता में तथा राष्ट्रीय कवि मुन्ना बैटरी नरेन्द्रसिंह राणावत, नंदकिशोर राठौर, संगीत शिक्षक हिमांशु वर्मा, अजय डांगी, नरेन्द्र भावसार, महेश त्रिवेदी, भरत लखवानी लोकेन्द्र पाण्डे, दिव्यांश वर्मा, राजा भैया सोनी, डॉ. दिनेश तिवारी, स्क्रेच आर्टिस्ट ललित कनेरिया, विकास भंडारी, विजय अग्निहोत्री, राजकुमार अग्रवाल, दिलीप सेठिया, हेमा भावसार, स्वाति रिछावरा, श्रीमती रानी राठौर, श्रीमती चंदा डांगी, श्रीमती सिमरन बेलानी, वंदना त्रिवेदी, की उपस्थिति में सम्पन्न हुआ।
इस अवसर पर बोलते हुए कृषि वैज्ञानिक एवं शिवना एरिया वाटर समूह फाउंडर श्री नरेंद्र सिंह सिपानी ने कहा कि स्वतंत्रता प्राप्ति पश्चात् देशप्रेम के गीतों से देश एवं देश प्रेम की भावना को महसूस किया जा सकता है। आसानी से आजादी नहीं मिली आप सबको इसे अक्षुण्ण रखना है । यह सामुहिक जिम्मेदारी है इस समूह ने संगीत सरिता माध्यम से देशभक्ति गीत प्रस्तुत कर वातावरण बनाया और अपने साथी डॉ. घनश्याम बटवाल का जन्मदिन मनाकर जो आनंद का वातावरण निर्मित किया है वह सदैव महसूस होता रहेगा।
वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक श्री सिपानी ने वरिष्ठ पत्रकार डॉ बटवाल को बधाई और आशीर्वाद प्रदान किया ।
कार्यक्रम के आरंभ में सरस्वति एवं भारत माता के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवलन किया ।
सरस्वती वंदना के बाद स्वाती रिछावरा द्वारा प्रस्तुत गीत ‘‘जहां डाल-डाल पर सोने की चिड़िया करती है बसेरा, वह भारत देश है मेरा’’ से हुई।
अखिल भारतीय साहित्य परिषद समग्र मालवा, जनपरिषद चेप्टर मंदसौर, पोरवाल ग्रुप, मारवाड़ी मंच, हिन्दी साहित्य सम्मेलन एवं संगीत सरिता समूह के सदस्यों एवं पदाधिकारियों ने संयुक्त रूप से जनपरिषद अध्यक्ष एवं वरिष्ठ पत्रकार डॉ. घनश्याम बटवाल को जन्मदिवस की शुभकामनाएं शाल, श्रीफल, माला एवं दुपट्टा पगड़ी पहनाकर किया ओर स्वस्थ व सुदीर्घ जीवन की कामना वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ की । इस अवसर पर बांसुरी वादक एवं ख्यात स्केच आर्टिस्ट ललित कनेरिया ( पिपलिया ) ने डॉ बटवाल का विशेष रूप से बनाये पेंसील स्केच चित्र उन्हें जन्मदिन स्मृति के रूप में भेंट किया।
इस अवसर पर कलाकारों की विभिन्न प्रस्तुतिया हुई श्रीमती रानी राठौर ए मेरे वतन के लोगों, महेश त्रिवेदी छोड़ों कल की बातें, लोकेन्द्र पाण्डेय कर चले हम फीदा, दिव्यांश वर्मा ने जिंदगी मौत न बन जाये, नंदकिशोर राठौर ने वतन पर जो फिदा होगा, हिमांशु वर्मा ने हर करम अपना करेंगे, राजा भैया सोनी ने अबके बरस तुझे, सिमरन बेलानी ने तेरी मिट्टी में मिल जावे, भरत लखवानी ने होठों पर सच्चाई रहती हैं, विजय अग्निहोत्री ने हे प्रीत सदा की रीत सदा व नरेन्द्र राणावत ने जब तक रहे सूरज चंदा कविता सुनाई।
कार्यक्रम का संचालन नरेन्द्र त्रिवेदी ने किया एवं आभार नंदकिशोर राठौर ने माना।
देशभक्ति पूर्ण गीतों का सरस आयोजन देर तक चला और सभी ने परस्पर स्वाधीनता दिवस की बधाई और शुभकामनाएं दी ।