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काव्य : शब्दों का महत्व - अंजना दिलीप दास , महासमुन्द


 काव्य : 

 शब्दों का महत्व


शब्द फूल बन किसी पे बरस जाए,

तो मन को सुकून देते हैं।

जो तीखे बाण जैसे बरसे,

दिल को छलनी कर देते हैं।


दो दिन की जिंदगी है,

क्यों न बोले दो मीठे बोल।

तानों से पेट भरने वालों से पूछो,

मीठे शब्दों का मोल।


शब्द ही हैं जो कभी हिम्मत देते,

शब्द ही शोकित का दुःख हर लेते।

शब्दों से नेह मिले,

पीड़ा देते शब्द सख्त,

सच्चे अच्छे शब्दों का बड़ा है महत्व।


    – अंजना दिलीप दास , महासमुन्द

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा युवा प्रवर्तक के प्रधान सम्पादक है। साथ ही साहित्यिक पत्रिका मानसरोवर एवं स्वर्ण विहार के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है। Click to More Detail About Editor Devendra soni

1 Comments


  1. “भोर की पहली किरण से लेकर
    दिन के अंतिम पहर तक
    जो निरंतर मेरे साथ रहता है
    वो ख़ूबसूरत ख़्याल हो तुम”बहुत सुंदर रचना देवी जी।

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