शहीद दिवस पर परिचर्चा एवं काव्य पाठ का हुआ आयोजन
खंडवा।
शहीद दिवस के मौके पर स्थानीय कवियों, साहित्यकारों व्दारा चर्चा परिचर्चा एवं काव्य पाठ का एसएन कालेज के सामने स्थित तिरोले एकेडमी के तत्वावधान में आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि नरेंद्र महोदय, विशिष्ट अतिथि के रूप में सुनील चौरे उपमन्यु उपस्थित थे। अध्यक्षता तारकेश्वर चौरे ने की। इस अवसर पर अतिथियों ने जितेंद्र तिरोले (संचालक एवं कवि) एवं अरुण कनाडे (एकेडमी संचालक)का पुष्पहार एवं श्रीफल से सम्मान किया गया। पीएससी एवं अन्य परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्र छात्राओं ने अतिथियों का पुष्पमाला से स्वागत किया। सुनील चौरे उपमन्यु ने कहा कि एकेडमी ने आज शहीदी दिवस पर कार्यक्रम आयोजित कर साहित्य के प्रति जो रुचि दिखलाई है निश्चित ही इन छात्र छात्राओं में से कोई होनहार साहित्य प्रेमी उत्तम कवि अवश्य ही निकलेगा। इस गरिमामयी कार्यक्रम के लिए एकेडमी बधाई की पात्र है। इस अवसर पर सुनील उपमन्यु ने लोकभाषा निमाड़ी में रचनापाठ कर छात्र छात्राओं को मस्त कर दिया। कविता विश्व कर्मा ने शहीद दिवस पर प्रकाश डालते हुए शानदार काव्यपाठ किया। चाँद खा चाँद ने ठेठ निमाड़ी में रचना सुना सभी को खूब गुदगुदाया। भूपेंद्र सिंह मौर्य ने "कुछ कुछ होता है"
सम सामयिक रचना से सन्देश दिया। संचालक कवि जितेंद्र तिरोले ने शानदार मुक्तकों से कार्यक्रम को ऊंचाईयां दी। सिंधी साहित्यकार एवं पत्रकार निर्मल मंगवानी ने सिंधु पुत्र वीर शहीद हेमू कालानी के देश की आजादी में किये गये योगदान एवं संघर्षमय जीवन पर प्रकाश डालते हुए काव्यपाठ किया। नितिन बिवाल, ओमप्रकाश चौरे, शुभम देवड़ा, एवं अरुण कनाडे ने भी विचार व्यक्त कर काव्यपाठ किया। उद्बोधन देते हुए मुख्य अतिथि नरेंद्र महोदय ने कहा साहित्य विश्व भर में जनजागृति का कार्य करते आ रहा है। आपको शहीद दिवस को अपनी अन्तर आत्मा से अनन्त वर्षों तक याद रखना होगा। महोदय ने अपनी कविता सुना कार्यक्रम को सुखद अंत दिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे तारकेश्वर चौरे ने विश्व कविता दिवस पर प्रकाश डालते हुए होली की बधाई दी एवं अपनी शानदार रचना "घर आंगन कच्चे थे, कच्ची थी भीत "से पूरा सदन तालियों से गूंज उठा। सभी उपस्थिति का आभार व्यक्त करते हुए अरुण कनाडे ने कहा कि हमारे छोटे से निवेदन कर आप पधारे है आपका धन्यवाद। कवियों के मुख से आज छात्र छात्राओं के साथ कविताएं सुन कर सभी हर्षित है। कवियों से कुछ कुछ सीखने को मिला ही है।