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काव्य : ज्ञान -सलिल -अवगाहन - डॉ.गणेश पोद्दार,रांची


 काव्य : 

ज्ञान -सलिल -अवगाहन

मेरा   विश्वास   अभी   उठा   नहीं  है,

खूँ  का  कतरा  अभी   रूठा  नहीं  है,

सत्य की  जय होगी  जरूर  एक दिन

सच  ही  जीतता   है, झूठा  नहीं  है I


एक    बाजी   मैंने     जो   लगाई   है,

उसमें   न   मेरी   सबकी    भलाई  है,

बरसों से जो इक ख्वाहिश दिल में थी 

मौका   पाकर   वह   बाहर  आई  है I 


चाह  है, ज्ञान-सलिल - अवगाहन करे,

पारस  का  स्पर्श  हर  जड़ पाहन करे,

रहे    ना   कोई   माँ   के  वर   से  दूर

चरणों  पर   सारे  चाह -  अर्पण  करे I


गणेश  यह  भार  नया   है  कंधे  पर,

आस है  असर  नजर आये अंधे  पर,

चक्षु  उन्मीलित   होवे    सबके कभी 

शुचिता का  प्रभाव  हो  हर  धंधे पर I


- डॉ.गणेश पोद्दार,रांची

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा युवा प्रवर्तक के प्रधान सम्पादक है। साथ ही साहित्यिक पत्रिका मानसरोवर एवं स्वर्ण विहार के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है। Click to More Detail About Editor Devendra soni

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