वैदिक प्रकाशन द्वारा अविरल गोष्ठी का आयोजन हुआ
बागपत । अविरल आभासी गोष्ठी का विषय गुरु, गुरु पूर्णिमा, सावन और अंकुर प्रकाश गुप्ता मानव जी का जन्म उत्सव था। इस गोष्ठी में जिन्होंने इस गोष्ठी की सफल अध्यक्षता की वह है चंडीगढ़ की नीतू कुमारी जी। गोष्ठी की शुरुआत अंजलि सारस्वत शर्मा जी के देवी मां की स्तुति से हुआ। उसके बाद श्लोक आदित्य द्वारा एक मनोरम नृत्य हुआ जो की गुरु को समर्पित था। श्रद्धा सिंह ने गुरु पूर्णिमा पर रचना सुनाई। संजीव कुमार भटनागर जी ने गुरु पूर्णिमा के अवसर पर अपनी एक रचना सुनाई जिसके बोल थे "गीली मिट्टी शिष्य है, गुरु बने कुम्हार"। उसके बाद सुनील सैनी सीना जी द्वारा एक बारिश पर एक रचना और हरियाणवी में बचपन के विषय पर एक मधुर संगीत हम सभी ने सुना। खुशबू राठी जी द्वारा गुरुजी पर रचना हमने सुनी। अंजलि सारस्वत जी द्वारा परिश्रम की राह नामक एक कविता और नीले अंबर के तले एक मधुर संगीत हम सभी को सुनने को मिला। डॉक्टर चंद्रकला भागीरथी जी द्वारा दो गीत प्रस्तुत हुए। डॉक्टर अंकुर प्रकाश गुप्ता मानव जी द्वारा अपने गुरु को समर्पित एक गीत प्रस्तुत हुआ। बीच-बीच में सभी रचनाकारों ने अंकुर जी को उनके जन्मदिन पर खूब बधाइयां दी। सुनीता सिंह जी द्वारा दो रचना प्रस्तुत हुई। यराम सागर छत्तीसगढ़िया जी के द्वारा एक रचना प्रस्तुत हुई जो उन्होंने अपने मां-बाप को समर्पित की थी। उसके बाद संजीदा डॉक्टर संजीदा खानम जी द्वारा एक गीत प्रस्तुत हुआ जिसके बोल थे गुरु बिन ज्ञान कहां। जय सिंह फौजदार जी ने गुरु पर अपनी चंद पंक्तियां सुनाई। विपुल शर्मा जी जिन्होंने पूरी गोष्ठी में अलग ही तरीके से सबको प्रोत्साहित किया, उन्होंने भी एक गीत सुनाया "पुजारी शारदा देवी के महान" गीत के बोल थे। उसके बाद सीमा शिरोमणि जी द्वारा गुरु के ऊपर और वैदिक परिवार के ऊपर दो ग़ज़लें हमने सुनी जो उर्दू के शब्दों से भरी थी। शिवम शर्मा विशेष जी द्वारा एक मनोरम गीत हमने सुना, एक उन्होंने शेर भी सुनाया और कविता भी सुनाई। शिवेंद्र कौशिक जी द्वारा हमने दो गीत सुना जो की एक कृष्ण जी पर था और दूसरा कृष्ण राधा संवाद पर था। साहित्यिक दादी करिश्मा वर्मा जी द्वारा खूब पढ़ेंगे नामक हमने एक रचना सुनी। जूली यादव द्वारा पेड़ पौधों को बारिश रुलाती हस्ती है नामक रचना सुनाई। योगेश्वरी भारद्वाज जी द्वारा हमने एक रचना गुरु पूर्णिमा पर सुनी। उसके बाद गुरु पूर्णिमा पर बाल रचनाकार पार्थ ने एक बेहतरीन स्पीच इंग्लिश में दी। रवि प्रकाश पांडे जी की रचना रिमझिम रिमझिम बारिश को उनकी धर्मपत्नी विजयलक्ष्मी पांडे जी ने हम सभी के सामने प्रस्तुत किया। शालिनी जी द्वारा एक गीत प्रस्तुत हुआ जीवन मधुबन है। रजनीश यादव जी जो कि आज पहली बार अविरल गोष्ठी में जुड़े थे उनके द्वारा कविता और गीत हमने सुना। अनामिका गुप्ता जी द्वारा हमने दो कविताएं सुनी, जो की शाश्वत ज्ञान उजाला है और अंतर मन पर थी। उसके बाद वैदिक प्रकाशन के मार्केटिंग हेड अरुण राठौर जी द्वारा हमने तनख्वाह पर एक रचना सुनी। सुषमा परमार जी द्वारा एक रचना बारिश की बूंद पर हुई। गोष्ठी की गोष्ठी अध्यक्ष नीतू कुमारी जी ने ज़िंदगी कैसे हमारे गुरु है इस बात को अपनी रचना में दिखाया। मंच संचालिका प्रशस्ति सचदेव जी द्वारा । अंकुर प्रकाश गुप्ता मानव जी के जन्मदिन पर एक छोटी सी रचना मिली।