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फोटोग्राफी के हुनर ने दिलाई खंडवा की मनीषा को पहचान, रुढ़ियों को तोड़ फोटोग्राफी में कमा रही नाम; जानें- उनका सफर


 फोटोग्राफी के हुनर ने दिलाई खंडवा की मनीषा को पहचान, रुढ़ियों को तोड़  फोटोग्राफी में कमा रही नाम; जानें- उनका सफर

खण्डवा । आज के समय में फोटोग्राफी महज शौक नहीं रह गया, बल्कि करियर के तौर पर इसे अपनाने वालों की कमी नहीं। युवाओं का फोटोग्राफी के क्षेत्र में करियर बनाने का क्रेज बढ़ता जा रहा है। खास बात यह भी है अब महिलाएं भी समाज की सभी भ्रांतियां तोड़कर फोटोग्राफी में नाम कमा रही हैं। चाहे घने जंगलों में मुश्किल हालात में वाइल्डलाइफ फोटोग्राफी करनी हो या किसी शादी में चुस्ती के साथ हर मूमेंट को कैमरे में कैद करना हो, हर काम को महिलाएं बखूबी अंजाम दे रही हैं। खंडवा की मनीषा सवनेर भी कुछ ऐसे ही महिलाओं में से है जो पिछले छः सालों से फोटोग्राफी कर रही हैं। इन छः सालों में उन्होंने  कई अनदेखी जगहों को अपने कैमरे में कैद कर आम लोगों के लिए उपलब्ध करवाया। लोगो की शादियों को यादगार बनाया। 
मनीषा बताती है की  जब फोटोग्राफी शुरू की तो कई लोगों ने कहा ये लड़कियों का काम नहीं है। फोटोग्राफी के लिए इधर-उधर घूमना पड़ता है। पर बचपन से ही मुझे आर्ट से बहुत लगाव रहा तो मैंने फोटोग्राफी के अपने पैशन को दबाया नहीं, बल्कि अपने माता-पिता के सहयोग से अपने सपनों को पंख लगाए। 
मनीषा ने बताया कि फोटोग्राफी के पैशन को पूरा करने के लिए उन्होंने राज सर के साथ शादियों में काम किया इसके बाद वेडिंग फोटोग्राफी के लिए रुझान बढ़ा, तो शादियों में फोटोशूट करना शुरू कर दिया। वह बताती हैं कि उन्हें शादियों में फोटोग्राफी करना इसलिए भी पसंद है, क्योंकि शादी हर किसी के जीवन का अहम हिस्सा है। यह दिन दूल्हा- दुल्हन से लेकर शादी में शामिल पूरे परिवार के लिए खास होता है। उन्हें इस दिन को कैमरे में कैद कर यादगार बनाना बहुत पसंद है। 
 फोटोग्राफी को अपना बना लिया अपना करियर
 हर व्यक्ति आज के समय मे करिअर में डॉक्टर , इंजीनियर, वकील बनाना चाहता है पर मन में कुछ अलग करने के जोश के साथ  बालिका मनीषा ने फोटोग्राफी का पेशा चुना और जीवन में सफलता प्राप्त करने का जज्बा लेकर  फोटोग्राफी की कला को सीख कर और पूरे एक वर्ष तक बिना किसी शुल्क के कार्य कर दिन रात मेहनत , संघर्ष कर और फोटोग्राफी में हुनर हासिल कर अपना एक अलग ही मुकाम बनाया ।
हेमन्त मोराने ने बताया कि टपाल चाल की रहने वाली मनीषा ऐसी इकलौती लड़की हैं, जो अपनी फोटोग्राफी कला के जरिए आय अर्जित कर रही हैं। दसवीं तक पढ़ी, गरीब परिवार की मनीषा का नाम आज खंडवा के नामी फोटोग्राफरों में गिना जाता है। ज्यादातर लड़के ही इन प्रोफेसन को चुनते है पर मनीषा ने इसे अपना करिअर चुना और आज वह शहर की एकमात्र पहली लेडिस फोटोग्राफर बन गयी।
मनीषा के पिता भरत सवनेर चौकीदारी करते है। मां घरकाम करती हैं। उनके घर में लड़कियों को लेकर कोई भेदभाव नहीं होता, लेकिन फोटोग्राफी जैसा काम लड़कियों के कोई आसान नहीं है।  6 साल मेहनत के बाद कार्यक्रमों की फोटोग्राफी के लिए बुलाई जाने लगी हैं। मेहनताना भी दिया जाने लगा। जिसमे बाद  अच्छी आमदनी होने लगी बाद में पैसे जमा कर कैमरा खरीदा जिससे फोटोग्राफी को अपने कैरियर के रूप में अपना लिया।
रुढ़ियों को तोड़ फोटोग्राफी में कमाया नाम
मनीषा का कहना है कि लड़कियों के लालन-पालन और उनकी शिक्षा आदि को लेकर लोग ओछि मानसिकता रखते हैं। पर मेरे मम्मी-पापा को मेरी शादी की कोई जल्दबाजी नहीं करते हुए रूढ़ियों को तोड़ते हुए फोटोग्राफी को अपना करियर बनाने दिया। जब गांवों में फोटोग्राफी करने पहुंची, तो खूब मजाक बना मनीषा बताती हैं, राज सर के साथ खंडवा के गांवों में फोटोग्राफी करने गए, तब लोगों ने हमारा खूब मजाक बनाया। उस वक्त थोड़ी झिझक, शर्म महसूस हुई, लेकिन अब सबकुछ बदल गया है। लोग पहचानने लगे हैं और हौसला भी बढ़ाने लगे हैं। मनीषा एक सोशल वर्कर बनना चाहती हैं। वह फोटोग्राफी में वेडिंग, केन्डित, आउटडोर, इनडोर अन्य सभी प्रकार की फोटोग्राफी कर लेती है। साथ ही वह स्पोर्ट्स वूमेन भी है वह बास्केटबॉल प्लेयर, बॉक्सिंग प्लेयर साथ ही जीम ट्रेनर भी है जिसमे उसे कई मेडल भी मिले है पर फोटोग्राफी करने उसे ज्यादा रुचि है और वह विभिन्न आयोजन में फोटोग्राफी कर अपने हुनर से आज वह माता पिता परिवार के लिये आय अर्जित कर रही है।
देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा युवा प्रवर्तक के प्रधान सम्पादक है। साथ ही साहित्यिक पत्रिका मानसरोवर एवं स्वर्ण विहार के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है। Click to More Detail About Editor Devendra soni

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