महिलाओं द्वारा बच्छ बारस उत्सव मनाया गया
सिवनी मालवा । महिलाओं द्वारा बच्छ बारस उत्सव संपत सारडा के निवास स्थान पर मनाया गया यह उत्सव भादो की बछ बारस के दिन मनाया जाता है सभी महिलाओ व्दारा गाय माता और बछड़े की पूजा की जाती हैं भैंस के गोबर का ओबड़ा बनाया जाता है उसमें पानी भरकर तालाब की पूजा की जाती हैं पूजा कर हंसराज बंसराज की कहानी कहती है हंसराज बंसराज आओ लड्डू उठाओ लड़के गोबर के ओबड़ा को अंगुली से चीरा लगाकर लड्डू उठाते हैं मां बहन भाभी सब टीका लगाती है गौ माता सुरक्षित रहे गाय की पूजा करके परिक्रमा लगाई जाती है एवं भजन कीर्तन गाए जाते हैं बेटों की मां बच्चों की लंबी उम्र परिवार के सुख शांति एवं पति की लंबी उम्र के लिए ओबडे की पूजा की जाती है महिलाओं द्वारा एक दूसरे को बिंदी लगाई जाती है आज के दिन महिलाए गेहूं और चावल नहीं खाती एवं धार वाली चीज का उपयोग नहीं करती हैं आज के दिन ज्वार बाजरा बेसन मक्का खाया जाता है शाम को गाय आने के पहले सभी महिला द्वारा भोजन कर लिया जाता है कल्पना निकाली जाती है सास नन्द भांजियों को पैर छू कर कल्पना दी जाती है आज के दिन यह संदेश लेते हैं कि हम गौ माता की रक्षा करेंगे और उनका ध्यान रखेंगे महिलाओं द्वारा बच्छ बारस के उजिने भी किये जाते हैं इस अवसर पर नीरू राठी शीला सारडा शीला खडलोया सुनीता सारडा अनुपमा तोषनीवाल सुनीता तोषनीवाल पुनीता सारडा मोहिनी नितिका सारडा ऊषा वर्षा सारडा प्रियंका सारडा पुनीता सारडा शिवांगी सारडा स्वाति माहेश्वरी प्रीति माहेश्वरी पूजा खडलोया श्वेता साडू मोना पावरी सविता पावरी जया खंडेलवाल मोनिका गीता अंजू ममता रेखा सोनाली नीतू अंकिता सहित महिलाएं उपस्थित थी।