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काव्य : चंद अश़आर - प्रदीप ध्रुव भोपाली,भोपाल


 काव्य : 

चंद अश़आर

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क्यों करें तारीफ़ ये मुझ पे क़हर की बात है|

चाहते करना मुझे वो दर-ब-दर की बात है|

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ऐब उनका है नहीं और ये ख़ता उनकी नहीं,

जिसके जैसे ख़्याल ये तो परवरिश की बात है|

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लोग ग़र पीने लगे और हो रहे मदहोश तो, 

ये समझिये ज़िन्दगी में कशमकश की बात है|

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लोग गिरते खाइयों में वाह वा कोई करे, 

पी के गिरने में कहाँ कोई हुनर की बात है|

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आदमी से है नहीं लेकिन मुहब्बत पैग से,

पैग दो लगते हो ज़ाहिर जो ज़िगर की बात है|

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वो हैं आमादा कुचलने इस अवामी जंग को, 

उनके जम्हूरी इदारों के सिफर की बात है|

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ये जो उनका कारवां पुरजोर जो है कूच में, 

इसमें अपनी कोशिशों की उम्र भर की बात है|

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अब परिन्दों को सज़ा उड़ने की मिलने जा रही, 

ख़ैरमक़दम की नहीं ये तो क़हर की बात है|

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फन हमारा ग़र कुचलने का इरादा कर लिया तो,

आम है मेरे लिए शाम-ओ-सहर की बात है|

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- प्रदीप ध्रुव भोपाली,भोपाल म.प्र.


देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा युवा प्रवर्तक के प्रधान सम्पादक है। साथ ही साहित्यिक पत्रिका मानसरोवर एवं स्वर्ण विहार के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है। Click to More Detail About Editor Devendra soni

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