काव्य :
वीर जवान(युवा शक्ति)
अब उठो देश के वीर जवानों,
अब आगे कदम बढ़ाना है ,
देश पर संकट फिर गहराया ,
अब अपना देश बचाना है।।
अब तक रही है भारत माँ की,
शान सदा संस्कृति वाली।
पर पश्चिम के हथकंडों ने ,
उसे खोखली कर डाली।।
अब देश ,धर्म ,जाति की खातिर ,
तुम्हें अपना फर्ज निभाना है........
उठो देश के वीर जवानों ,
तुम्हें अपना देश बचाना है............
यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते की,
जब रही देश में गूंज सदा।
अब इसी देश की नारी की ,
क्यों सहन कर रहे दुर्दशा।।
अब तुम्हें सुदर्शन चक्र के जैसा,
अब हथियार चलाना है.............
उठो देश के वीर जवानों,
अपना देश बचाना है....
जो मानवता के बने पुजारी,
दानवता को साथ लिए।
"बगुला भगत" से घूम रहे हैं ,
मन में कटुता वास किए।।
अब छुपे हुए इन साँपों को,
आस्तीनों से भी भगाना है.......
उठो देश के वीर जवानों,
तुम्हें अपना देश बचाना है।
अब दानवता को दूर भगाने,
मानवता सिखलाना है।।
- सरोज लता सोनी ,भोपाल