नवरात्रि पर ऑनलाइन काव्य गोष्ठी सम्पन्न
झारखंड भोजपुरी विकास केंद्र की ऑनलाइन काव्य गोष्ठी 'निमिया के डाड़ मइया' 07 अक्टूबर, सोमवार को अत्यंत सफलतापूर्वक संपन्न हुई।गोष्ठी की शुरुआत निवेदिता श्रीवास्तव एवं वीणा पाण्डेय 'भारती' द्वारा प्रस्तुत सरस्वती वंदना से हुई। कार्यक्रम की अध्यक्षता निरंजन प्रसाद श्रीवास्तव ने की। संस्था की उपाध्यक्ष गीता चौबे उपस्थित रचनाकारों का स्वागत किया।संचालन सुनीता श्रीवास्तव एवं रीम्मी वर्मा ने किया। मौके पर मंच के संरक्षक रामजी यादव भी मौजूद थे।
नवरात्रि के अवसर पर आयोजित इस गोष्ठी में माता रानी का भक्ति भाव से आह्वान किया गया। हिमकर श्याम ने अपनी रचना 'एक हाथ में बा कमल' प्रस्तुत करते हुए काव्य गोष्ठी को आगे बढ़ाया। सुनीता श्रीवास्तव 'जागृति' ने 'कलसा के ओटे-ओटे', पुष्पा पाण्डेय ने 'कुछ मांगे अइनी', अर्पणा सिंह ने 'सातों बहिनीया अइली', पूनम वर्मा ने 'करी के सोलहों श्रृंगार', रिम्मी वर्मा ने 'हम त अंगना', गीता चौबे गूँज ने 'मैया अइनी तोहरा द्वार', डॉ उर्मिला सिन्हा ने 'कथी केरा ककही' प्रस्तुत कर गोष्ठी को भक्ति मय बना दिया।
निरंजन प्रसाद श्रीवास्तव की 'नीमिया के डार', रंजना वर्मा उन्मुक्त की 'देवी मां बड़ा', बिनोद सिंह गहरवार की 'जोतावाली शेरावाली', आरती श्रीवास्तव 'विपुला' की 'खोलू खोलू मैया', 'लक्ष्मी सिंह की 'मोरा अंगनवा', नीता शेखर की 'अगते में जनती', प्रतिमा मणि त्रिपाठी की 'सातों बहिना', नीलम 'कथी बिना', डा शिप्रा की 'ए माई तू सांचो', निवेदिता श्रीवास्तव की 'माई से मांगी वरदान', वीणा पाण्डेय 'भारती' की 'राउर बिछिया', ममता मनीष सिन्हा की 'आल्हा' सराही गई। कार्यक्रम में अंजू यादव सहित कई श्रोता उपस्थित थे। कार्यक्रम का समापन संस्था के अध्यक्ष निरंजन प्रसाद जी के सारगर्भित उद्बोधन के बाद डॉ उर्मिला सिन्हा के धन्यवाद ज्ञापन से हुआ।