ad

जो कथानक लेखक के ह्रदय को सृजन हेतु विवश कर दे ,उस कथ्य से सृजित होती हैं प्रभावी लघुकथाये - आनंद कुमार तिवारी


 

जो कथानक लेखक के ह्रदय को सृजन हेतु विवश कर दे ,उस कथ्य से सृजित होती हैं प्रभावी लघुकथाये - आनंद कुमार तिवारी

भोपाल | 'लघुकथा का कथ्य समाज में हमारे आसपास घटित किसी घटना से अचानक उपजता है,और हमारे ह्रदय को लेखन हेतु विवश कर देता है,और इससे जो लघुकथा सृजित होती वह पाठकों।के ह्रदय पर गहरा प्रभाव छोड़ती है |'यह उदगार हैं वरिष्ठ लघुकथाकार आनंद तिवारी के जो लघुकथा शोध केंद्र समिति भोपाल द्वारा हिंदी भवन के नरेश मेहता गोष्ठी कक्ष में आयोजित लघुकथा गोष्ठी एवम विमर्श के आयोजन में अध्यक्ष के रूप में बोल रहे थे | राजेंद्र गट्टानी अध्यक्ष मध्यप्रदेश लेखक संघ के मुख्य आतिथ्य में आयोजित इस लघुकथा गोष्ठी में लघुकथा शोध केंद्र के उपाध्यक्ष गोकुल सोनी एवम समीक्षक के रूप में मधुलिका सक्सेना भी मंचासीन रहे।

     वरिष्ठ साहित्यकार गोकुल सोनी की सुमधुर सरस्वती वंदना के पश्चात गोष्ठी की शुरुआत रेखा सक्सेना की 'पहला पेज '  लघुकथा से हुई ,

इस क्रम को आगे बढ़ाया आसिम हुसैन फारूकी ने अपनी लघुकथा सामना के माध्यम से ,वरिष्ठ साहित्यकार डा.क्षमा पांडे ने ' मित्र की ' सौगात ' और मेघा मैथिल ने 'निर्णय 'लघुकथा का वाचन कर खूब तालियां बटोरीं | इस अवसर पर शेफालिका श्रीवास्तव ने 'अनूठा रिश्ता ' और डा.रंजना शर्मा ने 'हठ ' लघुकथा के माध्यम से गोष्ठी को नई ऊंचाई प्रदान की,घनश्याम मैथिल अमृत की 'जड़ें 'लघुकथा को भी श्रोताओं ने खूब पसंद किया | कार्यक्रम।का संचालन कर रहे मुजफ्फर इकबाल सिद्दीकी ने 'वेडिंग एनिवर्सी ' तथा वरिष्ठ साहित्यकार गोकुल सोनी ने ' चीटर ' और विनोद जैन ने ' ईश्वर से बातचीत ' तथा वरिष्ठ साहित्यकार डा.रामबल्लभ आचार्य ने ' सदाशय 'लघुकथा का वाचन कर आयोजन को नई ऊंचाई दी।  इस महत्वपूर्ण गोष्ठी में प्रस्तुत की गई लघुकथाओं पर विस्तार से समीक्षात्मक टिप्पणी वरिष्ठ साहित्यकार मधुलिका सक्सेना ने प्रस्तुत की, गोष्ठी का संचालन वरिष्ठ लघुकथाकार मुजफ्फर इकबाल सिद्दीकी ने किया | कार्यक्रम के अंत में साहित्यकार बलराम धाकड़ की लघुकथा ' गर्बोत्सव का गर्वोत्सव ' के वाचन के साथ घनश्याम मैथिल ने मंचस्थ अतिथियों एवं उपस्थित लघुकथाकारों का आभार प्रकट किया |


गोकुल सोनी

उपाध्यक्ष, लघुकथा शोध केंद्र, भोपाल

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा युवा प्रवर्तक के प्रधान सम्पादक है। साथ ही साहित्यिक पत्रिका मानसरोवर एवं स्वर्ण विहार के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है। Click to More Detail About Editor Devendra soni

Post a Comment

Previous Post Next Post