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काव्य : विन्याजलि त्रय रत्नो को, देते झोली भर -भर - इंजि.अरुण कुमार जैन फरीदाबाद

 

काव्य

विन्याजलि त्रय रत्नो को,

   ...  देते झोली भर -भर.

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इंजि.अरुण कुमार जैन 

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त्रि रत्नो का दिवस अवतरण,                    

शुभ अवसर यह युग का,

श्री विद्यासागर, माँ ज्ञानमती जी,        

 समय सागर गुरुवर का.

शरद पूर्णिमा चौबीस, छियालिस,                    

वर्ष अठावन आये.

धन्य धरा यह, प्रमुदित हर मन, जड़, चेतन मुस्काये.

धवल रश्मियां शीतल, पावन, अंतर्मन में आयीं.

दिव्य, प्रखर व श्रेष्ठ गुणों से,

रोम -रोम विकसायीं.

ज्ञानमती माँ,आचार्य श्री जी

श्री समय सागर कहलाये,

त्याग, साधना, नयी चेतना,

भारत भू पर लाये.

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ऐसा योगी कुछ न लेता,

देता झोली भर - भर.

प्रतिभा स्थली, हथकरधा, दयोदय,करुणा के रत्नाकर.

भाग्योदय,पूर्णायु,शांतिधारा 

से खुशियां आयीं,

रामटेक, माड़िया, कुण्डलपुर, ने निधियां दिलवायीं.

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अयोध्या, प्रयागराज, हस्तिनापुर, माताजी ने ही दिया है,

मांगीतुंगी आदिनाथ जी, युग निर्माण किया है.

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वर्तमान में पथ दर्शाते,             

  हैं राम के जैसे भरत जी,

आचार्य श्री सी ही छवि वाले,

परम पूज्य समय सागर जी.

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दें पथदर्शन व संरक्षण,           

हम आगे बढ़ते जाएं,

शरद पूर्णिमा श्रेष्ठ रत्न त्रय,

को नित शीश झुकायें.

सत्य,अहिंसा,त्याग,साधना,

गंगा, सेवा, करुणा की,

नव निधियों को देने वाले,

मिल करें वंदना इनकी.


श्रेष्ठ गुणों के ये संवाहक,   विस्तृत धरा, गगन से,

शुभ्र व उन्नत हिमगिरी जैसे,

धैर्यवान महासागर से.

शरद पूर्णिमा शत वंदन है,

पावन श्री चरणों में,

पदरज,अनुकम्पा,संरक्षण,

सब पाएं हर युग कल में.

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अमृता हॉस्पिटल, सेक्टर 88,फ़रीदाबाद, मो. 7999469175.

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा युवा प्रवर्तक के प्रधान सम्पादक है। साथ ही साहित्यिक पत्रिका मानसरोवर एवं स्वर्ण विहार के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है। Click to More Detail About Editor Devendra soni

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