ad

सद्भावना मंच ने महारानी लक्ष्मीबाई की जयंती पर किया नमन


 

सद्भावना मंच ने महारानी लक्ष्मीबाई की जयंती पर किया नमन

खंडवा।। खूब लड़ी मर्दानी वह तो झांसी वाली रानी थी बुंदेले हरबोलों के मुंह हमने सुनी कहानी थी। ऐसी वीरांगना भारतीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी झांसी की महारानी लक्ष्मीबाई की जयंती पर सद्भावना मंच सदस्यों द्वारा उनके बलिदान को याद किया गया। यह जानकारी देते हुए मंच के निर्मल मंगवानी ने बताया कि इस अवसर पर मंच संस्थापक प्रमोद जैन ने कहा कि बलिदानों की धरती भारत में ऐसे-ऐसे वीरों ने जन्म लिया है, जिन्होंने अपने रक्त से देश प्रेम की अमिट गाथाएं लिखीं। यहाँ की ललनाएं भी इस कार्य में कभी पुरुषों से पीछे नहीं रहीं, उन्हीं में से एक का नाम है झाँसी की रानी वीरांगना लक्ष्मीबाई। उन्होंने न केवल भारत ही नहीं बल्कि विश्व की महिलाओं को गौरवान्वित किया। उनका जीवन स्वयं में वीरोचित गुणों से भरपूर, अमर देशभक्ति और बलिदान की एक अनुपम गाथा है। डॉ जगदीशचंद्र चौरे नें कहा कि प्रथम स्वाधीनता संग्राम में अग्रणी भूमिका निभाने वाली महान योद्धा, अद्वितीय तेजस्विता, अद्भुत बलिदान, अदभ्य साहस एवं नारी शक्ति की अप्रतिम प्रतीक झांसी की महारानी लक्ष्मीबाई जी को कोटिशः श्रद्धासुमन अर्पित करते हैं। ओम पिल्ले ने कहा कि इतिहास के पन्नों में रानी की वीरगाथा सुनहरे अक्षरों में अंकित है। उनके बलिदानी जीवन से आज भी देश का नागरिक प्रेरणा लेता है। वह अंतिम सांस तक अंग्रेजों से लड़ती रहीं। इस अवसर पर अनेक सदस्यों व्दारा अपने विचार व्यक्त किए गये। इस मौके पर मंच संस्थापक प्रमोद जैन, डॉ. जगदीशचंद्र चौरे, कैलाश चंद शर्मा, ओम पिल्ले, देवेंद्र जैन, एमएम कुरेशी, निर्मल मंगवानी, वैज्ञानिक अर्जुन बुंदेला, राधेश्याम शाक्य, कैलाश पटेल, सुभाष मीणा, महेश मुलचंदानी आदि मंच सदस्य मौजूद थें।

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा युवा प्रवर्तक के प्रधान सम्पादक है। साथ ही साहित्यिक पत्रिका मानसरोवर एवं स्वर्ण विहार के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है। Click to More Detail About Editor Devendra soni

Post a Comment

Previous Post Next Post