केसला विकासखंड के किसानों में हर्ष की लहर
नर्मदापुरम। जिले के केसला विकासखंड में बहुचर्चित वारधा उद्वाहन सिंचाई परियोजना पर लगे ब्रेक को आखिर मध्य प्रदेश शासन जल संसाधन विभाग द्वारा हटा लिया गया. जिससे गेहूं की बोनी कर चुके क्षेत्र के किसानों में खुशी की लहर व्याप्त है. ज्ञातव्य हो कि किसानों के हित में जल संसाधन विभाग द्वारा लगभग 15. 20 वर्ष पूर्व उक्त योजना का आगाज सीमांत आदिवासी किसानों के हित में किया गया था. यह योजना भारी भरकम डीजल पंप द्वारा संचालित की जाती थी लेकिन धीरे-धीरे डीजल के दाम बढ़ने के कारण शासन को यह योजना आर्थिक रूप से अनुप्रयुक्त लगने लगी और इस वर्ष उसने आर्थिक संकट का हवाला देते हुए इस योजना से अपने हाथ अचानक खींच लिए जिसके कारण इस वर्ष गेहूं की बोनी कर चुके किसानों के सामने भया भय आर्थिक संकट का खतरा मंडराने लगा था अनेक सीमांत आदिवासी किसानों ने तो अपने गहने आदि गिरवी रखकर जैसे तैसे बीज और खाद की व्यवस्था की थी. किसान हित में निरंतर काम करने वाले संगठन भारतीय किसान संघ के कार्यकर्ता एवं पदाधिकारीयो को इन आदिवासी सीमांत किसानों की पीड़ा का जब एहसास हुआ तो उन्होंने स्थल निरीक्षण किया और इन विषम परिस्थितियों में इन सीमांत आदिवासी किसानों की शुद् लेने और उनके हक में पैरवी करने का बीड़ा उठाते हुए उच्च प्रशासनिक स्तर तक व्यक्तिगत तौर पर उचित माध्यम से जब शासन के सामने यह मांग किसान हित में उठाई तब शासन द्वारा विशेष कर जल संसाधन विभाग मध्य प्रदेश शासन के मंत्री तुलसी सिलावट और इसी विभाग के प्रमुख अभियंता शशांक मिश्रा द्वारा किसान हित में समस्त किंतु परंतु को पीछे छोड़ते हुए इस वर्ष सिंचाई हेतु किसानों को आकस्मिकता निधि से सिंचाई हेतु पानी देने के आदेश पारित किए गए. भारतीय किसान संघ नर्मदापुरम संभाग द्वारा किसानों के हित में संवेदनशील सरकार द्वारा त्वरित निर्णय लेने के परिपेक्ष में जल संसाधन विभाग मध्य प्रदेश शासन का आभार व्यक्त किया है. वही संगठन का कहना है कि इस वर्ष की समस्या तो जैसे तैसे हल हो गई है लेकिन जिला प्रशासन को इस योजना को आगे बनाए रखने के लिए जल्द से जल्द योजना बनाकर किसान हित में उसे लागू करवाने का प्रयास करना चाहिए.