श्री राम राष्ट्रीय साहित्य संस्था अयोध्याधाम के सानिध्य में विराट अखिल भारतीय कवि सम्मेलन : शौर्य दिवस पर कवियों ने बजाया बिगुल
एक शाम मां भारती के नाम
मैं भारत वर्ष का हरदम अमिट सम्मान करता हूं :वरिष्ठ कवि एवं साहित्यकार अशोक गोयल
पिलखुवा, दिनांक 16 दिसंबर को श्री राम राष्ट्रीय साहित्य संस्था अयोध्याधाम के सानिध्य में शौर्य दिवस पर विराट अखिल भारतीय कवि सम्मेलन आयोजित हुआ देश भर से भिन्न भिन्न प्रदेशों से पधारे अनेक शीर्ष कवियों ने देश भक्ति व मां भारती के नाम अपनी अपनी कविताओं से मंच को आह्लादित कर बिगुल बजाया कार्यक्रम में विशिष्ठ सान्निध्य कर्नल तेजेंद्र पाल सिंह (परमवीर चक्र से विभूषित) का सभी को प्राप्त हुआ कर्नल तेजेंद्रपाल सिंह ने 1971 की लड़ाई
हिंदुस्तान ,पाकिस्तान के बारे में जैसे ही बताया भारत माता की जय, वंदे मातरम से संपूर्ण पटल गुंजायमान हो गया।कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ कवि हरि नाथ शुक्ल "हरि "सुल्तानपुर ने की कार्यक्रम के मुख्य अतिथि समाज सेवी बिजेंद्र गर्ग लोहे वाले व विशिष्ठ अतिथि मंजू त्यागी प्रधानाचार्य बैंबो ग्रोव स्कूल हापुड़ व अति विशिष्ठ अतिथि शिवनाथ सिंह" शिव "रहे।कार्यक्रम का अदभुद संचालन वरिष्ठ कवि एवं साहित्यकार अशोक गोयल राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री राम राष्ट्रीय साहित्य संस्था अयोध्याधाम ने किया ।कार्यक्रम की शुरुआत कवयित्री बीना गोयल की सरस्वती वंदना से हुई विराट अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में देश भर से पधारे कवियों में कवि रमाशंकर चतुर्वेदी झांसी मऊ रानीपुर, डॉ राजेश तिवारी मक्खन झांसी उत्तर प्रदेश, वरिष्ठ कवि वीरेंद्र पाठक हाथरस, कवयित्री रमा त्यागी" एकाकी "गाजियाबाद ,श्रीपाल शर्मा बागपत उत्तर प्रदेश ,कवि लालाराम बृजवासी राजस्थान, कवि रामदेव शर्मा राही छाता मथुरा,कवयित्री अन्नपूर्णा मालवीय सुभाषिनी प्रयागराज, प्रोफेसर शरद नारायण खरे मध्य प्रदेश, कवि राम वृक्ष बहादुरपुरी अम्बेडकर नगर,डॉ पूनम ग्रोवर हापुड, वरिष्ठ कवित्री बीना गोयल पिलखुवा ,कवित्री सुमन वर्मा बिजनौर कवि हरि नाथ शुक्ला "हरि" सुल्तानपुर भारतीय ,कवि मुकेश कुमार "सोनकर"छत्तीसगढ़, कवयित्री संध्या श्रीवास्तव "सांझ"छतरपुर,कवि ओमप्रकाश कुंतल,कवि शिवनाथ सिंह "शिव"रायबरेली ,कवित्री उषा रानी मेरठ कवि निर्दोष जैन लक्ष्य छत्तीसगढ़,अंत में वरिष्ठ एवं कार्यक्रम संयोजक कवि अशोक गोयल ने आगंतुक सभी रचनाकारों का आभार प्रकट किया।कार्यक्रम अनवरत चार घंटे तक चलता रहा।