हनुमान धाम वाटिका सनखेड़ा में अब शिव परिवार का मंदिर भी, शिवलिंग और प्रतिमाओं की हुई प्राण प्रतिष्ठा
: शिव महापुराण कथा का यज्ञ के साथ हुआ समापन
: समापन अवसर पर हुआ विशाल भंडारा
इटारसी। ग्राम सनखेड़ा के हनुमान धाम वाटिका में 200 वर्ष प्राचीन बजरंगबली के मंदिर में अब हनुमान जी के साथ ही अब शिव परिवार विराजमान हो गया है। यहां साईं डीजे परिवार, बड़कुर और चौरे परिवार द्वारा आयोजित शिव महापुराण कथा के साथ ही शिव परिवार मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा भी की गई। इस अवसर पर यज्ञ के साथ विशाल भंडारे का आयोजन भी किया गया जिसमें आसपास के एक दर्जन से अधिक गांव के नागरिक शामिल होकर प्रसादी ग्रहण किए हैं।
सुंदर संगीतमय कथा करने लिए कथाचार्य मधूसूदन महाराज का स्वागत मुख्य यजमान आयोजक परिवार साई डीजे परिवार सनखेडा, लक्ष्मीनारायण चौरे, श्रीमती किरण चौरे, शिवनारायण चौरे, श्रीमती राजमणी चौरे, रुपेश चौरे, श्रीमती अनुराधा चौरे, शेखर चौरे व समस्त बडकुर परिवार ने किया।
सनखेडा में शिव महापुराण की कथा स्व प्रेमदास बडकुर, स्व श्रीमती रामबाई बडकुर की स्मृति में कथा का आयोजन किया गया था।
सन खेड़ा में आयोजित शिवपुराण कथा का समापन पूर्णाहुति के साथ हुआ। शिवपुराण के कथा वाचक पंडित मधुसूदन महाराज के सानिध्य में संपन्ना किया गया है जिसमें बड़ी संख्या में साधु संत, महिलाएं व पुरुष शामिल हुए। कथा वाचक ने अंतिम दिन की कथा सुनाते हुए भक्तों से कहा कि शिव के महात्मय से ओत-प्रोत यह पुराण शिव महापुराण के नाम से प्रसिद्ध है। भगवान शिव पापों का नाश करने वाले देव हैं तथा बड़े सरल स्वभाव के हैं।
इनका एक नाम भोला भी है। अपने नाम के अनुसार ही बड़े भोले-भाले एवं शीघ्र ही प्रसन्ना होकर भक्तों को मनवाँछित फल देने वाले हैं। महाराज ने श्रद्धालुओं से कहा कि धार्मिक आयोजनों में भावनाएं होनी जरूरी है। सगुण, साकार सूर्य, चंद्रमा, जल, पृथ्वी, वायु यह एक शिव पुराण का स्वरूप हैं। उन्होंने कहा कि अपने चारों ओर सदैव वातावरण शुद्ध रखें। जहां स्वच्छता और शांति होती है, वहां देवताओं का वास होता है। जल,वायु, पेड़ एक चेतन से लेकर जड़ चेतन में आकर एक-दूसरे के सहायक बनते हैं। जहां अधार्मिकता बढ़ जाती है और कर्म को भूल जाते हैं, वहां शिव और शक्ति दोनों नहीं होते।