काव्य चौपाल में गूंजे गीत , कविताएं , मधुर हुई शाम
भोपाल 21 दिसंबर 2024 अंतरराष्ट्रीय विश्व मैत्री मंच मध्य प्रदेश इकाई द्वारा आयोजित काव्य चौपाल गोष्टी एल्डर फर्स्ट सभागार महाकाली सोसाइटी में संपन्न हुई।
कार्यक्रम का आरंभ डॉक्टर क्षमा पांडेय नवनिर्वाचित उपाध्यक्ष को माला पहनाकर उनका सम्मान किया गया।
डॉ विनीता राहूरिकर एवं मनोरमा पंत जी के जन्म दिवस पर उन्हें एल्डर फर्स्ट की ओर से पुष्पगुच्छ एवं संस्था की ओर से किताबें भेंट की गई।
फिर चला कविताओं का दौर जिसमें
चरणजीत सिंह कुकरेजा ने घर तेरे बिन घर न लगता,बेटा जल्दी आया कर
चार निवाले एक पहर तो,साथ बैठ कर खाया कर
रानी सुमीता ने
इक दरख्वास्त है मेरी
छोड़ो न ये सलीके की जादूगरी
सीखते हैं कुम्हार से हम
मिट्टी की कारीगरी
विनीता राहुरीकर ने
आज बाँटते है
प्रेम की ताजगी भरी मिठास
कड़वाहट को चायपत्ती की तरह
छलनी में ही छोड़ देते हैं
आओ न प्रिय साथ बैठ
एक प्याली चाय पीते हैं।।
महिमा श्रीवास्तव वर्मा ने
भरम प्यार का हम तो पाले रहेंगे
छुपाये हुए दिल के छाले रहेंगे
डॉ क्षमा पांडेय ने
भीड़ क्या है?क्यों लगी है?,
क्या वजह है? भीड़ का।
सब जगह बस भीड़ सी है,
भीड़ तो बस भीड़ है
नीलिमा रंजन ने डॉ ऋतु खरे की कविता
आपका बहुत-बहुत स्वागत है
मेरे दस कक्षों के घर में
तथा संतोष श्रीवास्तव ने अपने कुछ मुक्तक सुनाए ।
खुदा जब नाखुदा से रूठता है लबे साहिल सफीना डूबता है क्या है यह राज कैसे बतलाएं किनारो को पसीना छूटता है ।
मुजफ्फर सिद्दीकी ने नीरज की मशहूर गजल कारवां गुजर गया गुबार देखते रहे सुनाई । सायरा सिद्दीकी, रवि सक्सेना, संजय , प्रीति, सोनाली,सरोज लता सोनी, सुषमा श्रीवास्तव, मनोरमा पंत, डॉ. राजेश श्रीवास्तव की महत्वपूर्ण उपस्थिति रही।
इस आत्मीय गोष्ठी का संचालन किया अपने अनूठे अंदाज में विनीता राहुरीकर ने तथा आभार संतोष श्रीवास्तव ने व्यक्त किया।
प्रस्तुति
संतोष श्रीवास्तव
संस्थापक अध्यक्ष
अंतर्राष्ट्रीय विश्व मैत्री मंच
.jpg)
