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चिंतन के बीज पड़ते हैं तो आध्यात्म की फसल उत्पन्न होती है भारत की मिट्टी में - श्री रघुनंदन शर्मा ,पू. सांसद एवं अध्यक्ष मानस प्रतिष्ठान, भोपाल


 

लघुकथा शोधकेंद्र का पुस्तक पखवाड़ा सत्र~6

चिंतन के बीज पड़ते हैं तो आध्यात्म की फसल उत्पन्न होती है भारत की मिट्टी में - श्री रघुनंदन शर्मा ,पू. सांसद एवं  अध्यक्ष मानस प्रतिष्ठान, भोपाल

भावों के साथ बहती हैं पाठकों के मन में श्री सोनी की कविताएं - कांता राय, अध्यक्ष, लघुकथा शोध केंद्र, भोपाल

खंडकाव्य सीता स्वयंवर गोकुल सोनी जी द्वारा समाज को प्रदत्त अनूठा उपहार ह -  देवेंद्र रावत (वरिष्ठ साहित्यकार)

भोपाल । भारत की मिट्टी इतनी पवित्र है कि जब इसमें चिंतन के बीज पड़ते हैं तो आध्यात्म की फसल उत्पन्न होती है। वरिष्ठ साहित्यकार गोकुल सोनी एवं अशोक धमैनियां जी जो भी साहित्य सृजन करते हैं, उसमें लोकमंगल का भाव होता है, ये विचार अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में वरिष्ठ साहित्यकार एवं पू. सांसद श्री रघुनंदन शर्मा ने लघुकथा शोध केंद्र, पुस्तक पखवाड़े के छठे सत्र की अध्यक्षता करते हुए व्यक्त किए।   

    ज्ञातव्य हो कि प्रतिवर्ष लघुकथा शोध केंद्र द्वारा ऑनलाइन पुस्तक पखवाड़ा आयोजित किया जाता है जिसमें पूरे देश से आई साहित्यकारों की प्रमुख पुस्तकों पर समीक्षक विद्वानों द्वारा विमर्श आयोजित किया जाता है। 

     कार्यक्रम का शुभारंभ सुनीता प्रकाश के स्वागत वक्तव्य से हुआ। केंद्राध्यक्ष श्रीमती कांता राय ने गोकुल सोनी के काव्य संग्रह "सुनो सूरजमुखी" की समीक्षा करते हुए कहा कि गोकुल सोनी की कविताओं में गहन भावबोध के साथ विविधता है एवं जीवन के सभी रंग हैं। वहीं श्री सोनी के द्वारा रचित खंडकाव्य "सीता स्वयंवर" की समीक्षा करते हुए समीक्षक श्री देवेंद्र रावत ने कहा कि सीता स्वयंवर एक सुंदर अदभुत एवं पठनीय कृति है, जिसकी सहज ही तुलना रामचरित मानस की उपयोगिता से की जा सकती है। श्री अशोक धमैनियां की लघुकथा कृति "वेद फल" की समीक्षा करते हुए श्रीमती मनोरमा पंत ने कहा कि आधुनिक समय में यथार्थ की गति इतनी तेज है कि उसने संवेदनाओं को गौड़ कर दिया है, परंतु आज के बाजारीकरण के दौर में भी लघुकथा मरी नहीं है। 

     अंत में श्री गोकुल सोनी एवं श्री अशोक धमैनियां ने अपनी अपनी कृतियों के सृजन की पृष्ठभूमि के बारे में जानकारी दी। आभार प्रदर्शन श्रीमती मेघा मैथिल ने किया। कार्यक्रम में देश से एवं विदेश से अनेकों साहित्यकारों एवं साहित्य प्रेमीजनों ने भाग लिया एवं कार्यक्रम की सराहना की। 

गोकुल सोनी

उपाध्यक्ष, लघुकथा शोध केंद्र भोपाल

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा युवा प्रवर्तक के प्रधान सम्पादक है। साथ ही साहित्यिक पत्रिका मानसरोवर एवं स्वर्ण विहार के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है। Click to More Detail About Editor Devendra soni

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